Ek Onkar Satnam (एक ओंकार सतनाम)
ओशो को हम किसी व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं देखते। ओशो तो प्रेम, ध्यान, संगीत, नृत्य, गीत, रस, मस्ती सभी कुछ हैं।जबसे हमने ओशो साहित्य का अध्ययन प्रारंभ किया तब से हमारे संगीत में प्रेम की फुहार पड़ने लगी है। ओशो ने संगीत को प्रेम बांटने का सशक्त मा
Ek Onkar Satnam (एक ओंकार सतनाम)
ओशो को हम किसी व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं देखते। ओशो तो प्रेम, ध्यान, संगीत, नृत्य, गीत, रस, मस्ती सभी कुछ हैं।जबसे हमने ओशो साहित्य का अध्ययन प्रारंभ किया तब से हमारे संगीत में प्रेम की फुहार पड़ने लगी है। ओशो ने संगीत को प्रेम बांटने का सशक्त मा
Krishna Smriti (कृष्ण स्मृति : हीरे जो कभी परखे ही न गए - ओशो)
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या
Krishna Smriti (कृष्ण स्मृति : हीरे जो कभी परखे ही न गए - ओशो)
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या
Ashtavakra Mahageeta Bhag- VII Samarpit Swatantrata (अष्टावक्र महागीता भाग- 7 समर्पित स्वतंत्रता) (PB): ... 0;ंत्रता)
'जीवन तो जैसा है वैसा ही रहेगा। वैसा ही रहना चाहिए। हां, इतना फर्क पड़ेगा... और वही वस्तुतः आमूल क्रांति है। आमूल का मतलब होता है : 'मूल से'। ...आमूल क्रांति का अर्थ होता है : जो अब तक सोये-सोये करते थे, अब जाग कर करते हैं। जागने के कारण जो गिर जाएगा
Ashtavakra Mahageeta Bhag- VII Samarpit Swatantrata (अष्टावक्र महागीता भाग- 7 समर्पित स्वतंत्रता) (PB): ... 0;ंत्रता)
'जीवन तो जैसा है वैसा ही रहेगा। वैसा ही रहना चाहिए। हां, इतना फर्क पड़ेगा... और वही वस्तुतः आमूल क्रांति है। आमूल का मतलब होता है : 'मूल से'। ...आमूल क्रांति का अर्थ होता है : जो अब तक सोये-सोये करते थे, अब जाग कर करते हैं। जागने के कारण जो गिर जाएगा
Hanse Khele Na Karein Man Bhang (Gorakh Vani) (हंसे खेले न करे मन भंग - गोरख वाणी)
परमात्मा अज्ञात नहीं है, यही धर्म और विज्ञान का भेद है। धर्म कहता है: जगत में तीन तरह की बातें हैं- ज्ञात, जो जान लिया गयाऋ अज्ञात, जो जान लिया जाएगा और अज्ञेय, जो न जाना गया है और न जाना जाएगा। विज्ञान कहता है: जगत में सिर्फ दो ही चीजें हैं - ज्ञात
Hanse Khele Na Karein Man Bhang (Gorakh Vani) (हंसे खेले न करे मन भंग - गोरख वाणी)
परमात्मा अज्ञात नहीं है, यही धर्म और विज्ञान का भेद है। धर्म कहता है: जगत में तीन तरह की बातें हैं- ज्ञात, जो जान लिया गयाऋ अज्ञात, जो जान लिया जाएगा और अज्ञेय, जो न जाना गया है और न जाना जाएगा। विज्ञान कहता है: जगत में सिर्फ दो ही चीजें हैं - ज्ञात
Ashtavakra Mahageeta Bhag-V Sannate Ki Sadhna: Sannate Ki Sadhana (अष्टावक्र ... साधन
Ashtavakra Mahageeta Bhag-V Sannate Ki Sadhna Read more
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