varun
2 किताबे ( 2 हिंदी )
10 रचनायें ( 10 हिंदी )
मै वरुण नेपाल में रहता hu
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो”
31 जनवरी 2015
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कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में रोया.. अजीब सिलसिला हैं ये ज़िंदगी का.. कोई भरोसे के लिए रोया.. कोई भरोसा कर के रोया..
31 जनवरी 2015
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टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता ……..
31 जनवरी 2015
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छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर, जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर, तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त, मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.
27 जनवरी 2015
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घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली…. सारी गली उनके पीछे निकली… इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से………. और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली………
27 जनवरी 2015
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आज़ाद हैं तोह आसमान छु ही आएंगे ज़िंदा है तो हर जंग जीत जायेंगे साथ हैं हम तो दुनिया को दिखा आएंगे तिरंगे के तीन रंगों में देश को समा जायेंगे
27 जनवरी 2015
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वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी… मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी… उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना… वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
27 जनवरी 2015
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करो कुछ ऐसा दोस्ती में की ‘Thanks & Sorry’ words बे-ईमान लगे निभाओ यारी ऐसे के ‘यार को छोड़ना मुश्किल’ और दुनिया छोड़ना आसान लगे…
27 जनवरी 2015
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लोग रूप देखते है ,हम दिल देखते है , लोग सपने देखते है हम हक़ीकत देखते है, … लोग दुनिया मे दोस्त देखते है, हम दोस्तो मे दुनिया देखते है.
27 जनवरी 2015
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dosti
27 जनवरी 2015
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