कुछ कह नही सकते ...!! हालात ही कुछ ऐसे बन गए। सोचा था सुबह 5 बजे उठ कर सबसे पहले भोले बाबा के मंदिर में हाजरी देने जाऊंगी....!!
बढ़िया दूध दही शहद घी शक्कर से उनका अभिषेक करूंगी...!! फूलों से सजाऊँगी..!!
मिष्ठान चढ़ाऊँगी....!
यह सब सोच ही रही थी कि मेरा पेट जोरो से दर्द होने लगा। एक असहनीय दर्द था...!! सासु माँ को यह समस्या बताई तो जवाब मिला :- तुम्हारा तो हर साल का यही रागड़ है...!! कोई भी त्योहार आता नही कि, तुम सबसे पहले खराब हो जाती हो....!!
अब बताओ मैं कैसे समझाऊँ कि इस पर मेरा कोई बस नही है। यह तो एक मासिक क्रिया है जो हर औरत को होती है...!! लेकिन उन औरतों को नही जो 50 कि उम्र पार कर चुकी है। इस वजह से उनकी मानसिकता अब इस चीज को लेकर पूरी तरह से बदल चुकी थी।
अभी भी कुछ घरों में मासिक धर्म आने पर औरत को रसोई में घुसने नही दिया जाता। उसका अलग बिस्तर किया जाता है। दूसरे लोग उस से टच नही होते। इसलिए कि शायद लोग ऐसे आध्यात्मिक ज्ञान से जोड़ते हो। अपवित्रता की वजह से या शायद छुआछूत की वजह से कुछ भी कहा पर मेरा ससुराल भी इस मानसिकता का शिकार है....!! इस समय के दौरान मुझे बस एक ही बेनिफिट मिलता है वो यह कि..!!😊😊 ज्यादा काम नही करना पड़ता बस....!! आम दिनों की बनसब्द मेरा किचन से दूर रहना मेरी साँस को बहुत परेशानी देता है...! काम का सारा भार उन पर रहता है...!! बहुत चिढ़ चिड़ी हो जाती है...!! जाहिर है काम का वजन आम दिनों के मुकाबले ज्यादा हो जाता है.....!!
कई बार तो मुझे ही ऐसी ग्लानि होने लगती है कि....!! मैं पीरियड से कैसे हो गयी।
अभी दीवाली की भागदौड़ में मेरे मासिक धर्म का समय करीब था...!! पतिदेव को बताया तो सुझाव आया कि इसको टालने वाली गोली खा लेना चाहिए...!! क्योकि करने वाली बस मैं अकेली हूँ...!! और दीवाली की भागदौड़ अकेले मम्मी से तो नही होने वाली वो बीमार पड़ जाएगी...!!
मैंने न चाहते हुए भी वह गोली खा ली।
मासिक धर्म तो टल गया। लेकिन वह 3 महीने से टलते हुए आ रहा था। जिसके वजह से मुझे पेट मे दर्द रहने लगा। बाद में पता चला कि शरीर की गर्मी की वजह मुझे टायफॉयड निकल गया। अब तो सीधे 20 दिन की छुट्टी हो गयी....!! ऊपर से शारीरिक पीड़ा अलग से...!!😊😊