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मुसाफिर हूँ मैं

12 फरवरी 2017

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गुमराह ही सही पर मुसाफिर हूँ मैं मोहब्बत की राहों से वाकिफ हूँ मैं मिलेगी मंजिल भी एक दिन ऐतबार है मुझे नादान ही सही पर आगाज़ी हूँ मैं।

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