ज़रा सोचिए -
भारतीय संस्कृति भारतीय भाषाओं में सुरक्षित रहेगी या विदेशी भाषाओं में? भारत भारतीय भाषाओं के माध्यम से विश्व गुरु बनेगा या विदेशी ? भारत की तरक्की का आधार भारतीय भाषाएँ हैं या सिर्फ अंग्रेज़ी ? (सारे भगत मुख्य ज़रूरी मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं करते । कुछ ऐसे मुद्दे उठा लेते हैं जिनसे जनता का भला चाहे हो न हो लेकिन पार्टी के लिए माहौल बन जाए। यह लोग देश के लिए हैं या सिर्फ पार्टी के लिए? शायद इनको खुद नहीं पता। बस मोहल्ले में थोड़ा रुतबा बढ़ाने के लिए भगति कर रहे हैं। भगति हम भी करते हैं भाई लेकिन सिर्फ सच्चाई,देश और जनता की।)j