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वर्तिका श्रीवास्तव

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कहते है बूँद बूँद से ही घड़ा भरता है मै एक विद्यार्थी हूँ और इस जीवन से हर रोज कुछ न कुछ सीखती रहती हूँ इस पेज के मध्यम से मैं शब्दनगरी के सभी सदस्यों को एक परिवार की तरह जोड़ना चाहती हू, हर व्यक्ति जीवन में किसी ना किसी से कुछ प्रेरणा लेता है,कुछ अनुभवों से सीखता है, इस पेज में मेरा आग्रह है की सभी सदस्य अपने अपने अनुभवों को बाटे और इस पेज को हसी- मज़ाक, सीख अथवा ज्ञान प्राप्त करने का एक मंच बनाये. यह ही सही वक्त है अपनी सोच को आज़ादी से कहने का,क्योकि ज़िन्दगी लम्बी नई बड़ी होनी चाहिए . आपके अतरंगे और यादगार अनुभवों से ही बनेगा एक नया अनुभव.  

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