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आप की जान में...

18 सितम्बर 2022

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आप की जान में वो कितने हैं,

हमसफ़र हमज़ुबान जितने हैं।

मेरी  यादों  को दोष मत देना,

देश में अब महान कितने हैं।

मरने के पहले कोई दे कंधा,

ऐसे दिलवर जवान कितने हैं।

देश के हाल पर किसे रोना,

अपने ही घर बवाल कितने हैं

बात कहने की बात और मग़र,

नेक नीयत ईमान कितने हैं।

कौन लूटता है देश को अपने,

अब भी नंगे सवाल कितने हैं।

पेट ऊंचा तो भजन है बेहतर,

पेट खाली ख़याल कितने हैं।

 


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