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मैं एक प्रोफेसर हूँ. मेरी रूचि कवितायेँ और गीत लिखने में हैं. मैं रफ़ी साहब का बहुत बड़ा फैन हूँ.

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बिहार में इस बार 'मौका-मौका' है

10 अप्रैल 2015
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बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होना है. एक तरफ मोदी हैं तो दूसरी तरफ सारे मौकापरस्त लोग एक साथ हो गए हैं. नितीश और लालू ने बिहार को क्या दिया है? लालू के जंगलराज के खात्मे के बाद बिहार के प्रेस्टीज में सुधार आना चालू हुआ था कि मोदी के प्रधानमंत्री कि दावेदारी कि वजह से नितीश कुमार को लगा कि एक सं

केजरीवाल की जीत का सबसे बड़ा कारण

11 फरवरी 2015
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केजरीवाल की जीत का सबसे बड़ा कारण है : EVM मशीन में गड़बड़ी..... जो बटन दबाओ झाड़ू को ही वोट पड़ता. केजरी एंड his टीम चनाव आयोग के लोगो से इस सिलसिले में मिला था...चुकीं चुनाव आयोग में बैठे सबके सब लेफ्ट supporter या कांग्रेस सुप्पोर्टर हैं .....तभी तो 'आप' के supporter रात-दिन EVM मशीनो की सुरक्षा कर रह

तेरे मेरे दरमियान कोई सिलसिला तो रहा

9 फरवरी 2015
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TERE MERE DARMIYAN KOI SILSILA TO RAHA SATH CHALTE RAHEN PAR FASLA TO RAHA JINDGI TUNE HUMEN SAB KUCHH TO DIYA FIR BHI TUMSE N JAANE KYO GILA TO RAHA SAPNE HAIN BIKHREN UMEEDON HAIN PAR KAYAM MUSKILEIN HAIN LAKH LEKIN DIL KO HAUSLA TO RAHA TANHA CHHODKAR HUMEN TUM KYON CHALE GAYE DIL

केजरीवाल और EVM विवाद

4 फरवरी 2015
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आज केजरीवाल की 'आप' पार्टी और केजरीवाल ने EVM पर सवाल उठाकर साबित कर दिया है कि ये लोग देश को तोड़नेवाली ताकतों में से एक है. जो काम पाकिस्तान की गोली और घुसपैठिये नहीं कर पायें, उसे इस शक्स ने एक सेकंड में कर दिया. कल को पाकिस्तान यह कह सकता हैं कि जम्मू और कश्मीर में हुए चुनाव 'manipulated ' थे क्य

ग़ज़ल

2 फरवरी 2015
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तुमने किस बात की न जाने सजा दी है तेरे बिन जीता रहूँ कैसी दुआ दी हैं तेरे मेरे दरमियान ये कौन आ गया है? किसने है आग लगाई किस शक्स ने हवा दी है तेरे दिल में है क्या तू जाने या ख़ुदा जाने मैंने तो चाहा तुझे तेरी पूजा की है आज बस फैसला हो जाये इन बातों का किसने धोखा दिया किसने दग़ा

ग़ज़ल

29 जनवरी 2015
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फूल खुशबू औ नज़ाकत हो दोस्ती प्यार औ इबादत हो देखके तुमको क्यों न अरमां जागे कितनी नाजुक कितनी खूबसूरत हो ​इश्क़ नाम है लुट जाने का लूटने वाले को न मोहबत हो कितना मसरूफ हो गया हूँ मैं खुद से भी मिलने की जैसे न फुर्सत हो आदमी वो बुरा नहीं लेकिन दिल दुखना जैसे उसकी आदत

कुछ कर जाने का ज़ज़्बा

28 जनवरी 2015
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कुछ कर जाने का ज़ज़्बा दिल में जरा जगा मंज़िल खुद मिल जाएगी तबियत से कदम बढ़ा नयी सुबह का उठकर सलाम कर उठ जाग चल अभी न आराम कर सीना चौड़ा हो जाये ऐसा कुछ काम कर उठ जाग चल अभी न आराम कर राहें अपनी मुश्किल सही मुश्किलों से कैसा घबराना मंज़िल खुद पेश आएगी बस आगे बढ़ते जाना

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