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बिहार में इस बार 'मौका-मौका' है

10 अप्रैल 2015

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बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होना है. एक तरफ मोदी हैं तो दूसरी तरफ सारे मौकापरस्त लोग एक साथ हो गए हैं. नितीश और लालू ने बिहार को क्या दिया है? लालू के जंगलराज के खात्मे के बाद बिहार के प्रेस्टीज में सुधार आना चालू हुआ था कि मोदी के प्रधानमंत्री कि दावेदारी कि वजह से नितीश कुमार को लगा कि एक संप्रदाय विशेष उनका साथ छोर देगा; और नितीश और बीजेपी का गठबंधन टूट गया. इसी के साथ बिहार कि इमेज को भी ​​धका पहुंचा. लालू और नितीश जैसे लोगों को फ़र्क़ नहीं पड़ता कि जो बिहारी मुंबई-दिल्ली जैसे शहरों में रहते हैं कैसे अपनी आइडेंटिटी को छुपाते हैं. उन्हें मजबूरन कहना पड़ता हैं कि ..हम दिल्ली के हैं या किसी और राज्य से हूँ. आज यह स्तिथि इन नेताओ कि वजह से ही है. मेरा मक़सद हैं कि बिहार राज्य कि इज़्ज़त में कैसे इजाफा हो? क्या इसे भैंस और बकरी पलनेवाले राज्य के रूप में ही दिखना चाहिए? क्या बिहार को जातिवाद पॉलिटिक्स के लिए ही जाना जायेगा? आप लोगों ने पचास -साठ के दशक की फिल्मे जरूर देखि होंगी. हर नौकर का किरदार ...भोजपुरी या बिहारी ही क्यों बोलता हैं... ये हालत अभी भी फिल्मों में हैं कि कोई भी गरीब या नौकर या मजदूर ..किरदार फिल्मवालों को दिखाना हो तो ...उसे भोजपुरी या बिहारी बोलनेवाला दिखा दो ....ये हमारी इज़्ज़त है और बिहार ब्रांड इसके लिए ही जाना जाता है. लालू यादव और मुस्लिम गठजोड़ पे पंद्रह -बीस साल बिहार का खा गया. इस गंवार की वजह से बिहार जितना बदनाम हुआ वह शायद ही किसी की वजह से हुआ हो. यह जब जेल में था तब इसकी अंगूठा छाप बीबी बिहार की मुख्यमंत्री बनी थी. वह बिहार के लिए सच में अन्धकार का युग था जहाँ ये बात बड़े गर्व से कही जाती थी की पढ़ लिखकर कुछ भी हासिल नहीं होता. और ये गंवार पूरे राज्य की एजुकेशन सिस्टम को ध्वस्त कर दिया. ग्रेजुएशन कम्पलीट करने में लोगों को पांच पांच साल लग जाते थे. ​नितीश बदलाव की बयार लेकर आया था. किसी समय पर मैं नितीश का बहुत बड़ा प्रशंसक था लेकिन इस सख्स ने अपनी निजी महत्वकांक्षा के लिए पूरे बिहार को दाव पर लगा रखा है. बिहार के लोगों का मैं आव्हान करता हूँ कि आप के सामने 'मौका' है. जात-पात को भूलकर वोट करे और बदलाव् के लिए इस बार वोट करें. जो लोग एंटी -हिन्दू पॉलिटिक्स करते हैं वो एक विशेष संप्रदाय के दम पे सत्ता में आ जाते हैं. क्यों एक विशेष संप्रदाय बिहार की पॉलिटिक्स का किंगमेकर बने. मैं आव्हान करता हूँ की सभी हिन्दू एक हो और आप ८० प्रतिसत है ...आप क्यों नहीं एक होकर बिहार की पॉलिटिक्स का किंगमेकर बनते हैं. चाहे हम किसी भी जात या पंथ के हों हैं तो हिंदुस्तानी ही. यह मौका है प्रो-माइनॉरिटी पॉलिटिक्स करनेवालो को बाहर का रास्ता दिखाने का. लालटेन से LED बल्ब की रौशनी में आने का. ये मौका है तीर -धनुष छोड़कर मॉडर्न युग से ज़ुरने का. ये मौका हैं जंगलराज से निकालकर बिहार को सभ्य समाज बनाने का. ये मौका है तरक्क़ी की राह पकड़ने का. आप को बता देता हूँ की ये बार बार नहीं आनेवाला. इस बार आर या पार. सब सत्ता के लालची एक हों गए हैं. इनका सिर्फ एक ही आसरा की एक विशेष संप्रदाय हमे धोखा नहीं देगा. और अगर हम जात पात के चक्र में पड़के वोट किया तो औरंगजेब का शासन ही बिहार के लोगों को नसीब होगा. बिहार के लोगों को आज शपथ लेना चाहिए कि इस 'मौका' को हम नहीं खोएंगे.
umashankar verma

umashankar verma

नितीश ने अपनी प्रतिष्ठा और निष्ठां दोनों खो दी है

11 अप्रैल 2015

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कुछ कर जाने का ज़ज़्बा

28 जनवरी 2015
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कुछ कर जाने का ज़ज़्बा दिल में जरा जगा मंज़िल खुद मिल जाएगी तबियत से कदम बढ़ा नयी सुबह का उठकर सलाम कर उठ जाग चल अभी न आराम कर सीना चौड़ा हो जाये ऐसा कुछ काम कर उठ जाग चल अभी न आराम कर राहें अपनी मुश्किल सही मुश्किलों से कैसा घबराना मंज़िल खुद पेश आएगी बस आगे बढ़ते जाना

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ग़ज़ल

29 जनवरी 2015
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फूल खुशबू औ नज़ाकत हो दोस्ती प्यार औ इबादत हो देखके तुमको क्यों न अरमां जागे कितनी नाजुक कितनी खूबसूरत हो ​इश्क़ नाम है लुट जाने का लूटने वाले को न मोहबत हो कितना मसरूफ हो गया हूँ मैं खुद से भी मिलने की जैसे न फुर्सत हो आदमी वो बुरा नहीं लेकिन दिल दुखना जैसे उसकी आदत

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ग़ज़ल

2 फरवरी 2015
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तुमने किस बात की न जाने सजा दी है तेरे बिन जीता रहूँ कैसी दुआ दी हैं तेरे मेरे दरमियान ये कौन आ गया है? किसने है आग लगाई किस शक्स ने हवा दी है तेरे दिल में है क्या तू जाने या ख़ुदा जाने मैंने तो चाहा तुझे तेरी पूजा की है आज बस फैसला हो जाये इन बातों का किसने धोखा दिया किसने दग़ा

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केजरीवाल और EVM विवाद

4 फरवरी 2015
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आज केजरीवाल की 'आप' पार्टी और केजरीवाल ने EVM पर सवाल उठाकर साबित कर दिया है कि ये लोग देश को तोड़नेवाली ताकतों में से एक है. जो काम पाकिस्तान की गोली और घुसपैठिये नहीं कर पायें, उसे इस शक्स ने एक सेकंड में कर दिया. कल को पाकिस्तान यह कह सकता हैं कि जम्मू और कश्मीर में हुए चुनाव 'manipulated ' थे क्य

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तेरे मेरे दरमियान कोई सिलसिला तो रहा

9 फरवरी 2015
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TERE MERE DARMIYAN KOI SILSILA TO RAHA SATH CHALTE RAHEN PAR FASLA TO RAHA JINDGI TUNE HUMEN SAB KUCHH TO DIYA FIR BHI TUMSE N JAANE KYO GILA TO RAHA SAPNE HAIN BIKHREN UMEEDON HAIN PAR KAYAM MUSKILEIN HAIN LAKH LEKIN DIL KO HAUSLA TO RAHA TANHA CHHODKAR HUMEN TUM KYON CHALE GAYE DIL

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केजरीवाल की जीत का सबसे बड़ा कारण

11 फरवरी 2015
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केजरीवाल की जीत का सबसे बड़ा कारण है : EVM मशीन में गड़बड़ी..... जो बटन दबाओ झाड़ू को ही वोट पड़ता. केजरी एंड his टीम चनाव आयोग के लोगो से इस सिलसिले में मिला था...चुकीं चुनाव आयोग में बैठे सबके सब लेफ्ट supporter या कांग्रेस सुप्पोर्टर हैं .....तभी तो 'आप' के supporter रात-दिन EVM मशीनो की सुरक्षा कर रह

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बिहार में इस बार 'मौका-मौका' है

10 अप्रैल 2015
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