आसान नहीं होता एक लड़की होना..
दूसरों के लिए अपना अस्तित्व खोना..
सर बुलंदी छूते हौसले मार कर सोना..
आसान नहीं होता एक लड़की होना |
कभी खुद टूट रोना पड़ता है..
कभी दिल के अरमान आंसुओ में भर तकिया भिगोना पड़ता है..
कभी इज्ज़त के नाम पर अभिलाषाओ को डुबोना पड़ता है..
मुश्किल होता है अपनी आंखों में दूसरों के सपने सजोना..
आसान नहीं होता एक लड़की होना ||
इतने साल जन्म ले एक जिंदगी जीना..
और फिर दूसरे घर जा, नए जीवन के धागे मे उम्मीद के मोती पिरोना..
रिश्तों के लिए अपनी सोच को बदलना पड़ता है..
लड़की होने का हर फर्ज अदा करना पड़ता है|
आसान नहीं होता एक लड़की होना..
रिश्तों के लिए अपनी पहचान अपना अस्तित्व खोना |
बहता है खून और खुशियां मनाईं जाती हैं,
हमारी बेटी वंश बढ़ाने लायक हो गयी है,
कुछ इस तरह बात बताई जाती है,
है उस बहते हुए सुर्ख लाल रंग से वंश महफूस ,
क्या कभी कर सकते हो उस दर्द के एहसास को महसूस ?
बेआराम कैसे वो खुद को पाती है ,
पर किसी को बताने में हिचकिचाती है,
आसान नहीं होता एक लड़की होना..
रिश्तों के लिए अपनी पहचान अपना अस्तित्व खोना |
उसके लिए उन दिनों क्यों मंदिर मस्जिद के कपाट अवरुद्ध है,
जन्म यही देती हैं तो क्यों ऐसे समय में समाज उनके विरुद्ध है?
दुनिया बनाने वाली माँ के जब तुम भक्त हो,
तो जन्म देने वाली माँ के लिए कैसे इतने सख्त हो?
क्यों ऐसे तिरस्कृत किया जाता है,
क्यों खाना तक दूर से खिसका दिया जाता है?
क्यों उस पीड़ा को नज़र अंदाज कर दिया जाता है?
ये ख्याल मन को झंझोर जाता है,ये ख्याल बार बार मन में आता है|
आसान नहीं होता एक लड़की होना..
रिश्तों के लिए अपनी पहचान अपना अस्तित्व खोना