आप प्रतिदिन प्रार्थना करते हैं लेकिन आप से कोई पूछ ले कि 'प्रार्थना' का अर्थ माने क्या होता है तो शायद इसका अर्थ बता पाना मुश्किल हो जाए! प्रार्थना का अर्थ होता है- कामना चाहना मांगना| प्रार्थना में हम कुछ ना कुछ मांगते ही हैं इस कविता में कवि ने भी मांगा है तो है पर हटकर| आइए, देखते हैं क्या मांगा है...
विपदाओं से मुझे बचाओ यह मेरी प्रार्थना नहीं
केवल इतना हो करुणा में कभी ना विपदा मैं भैया दुखता से व्यथित नहीं दुख को मैं सदा कर सकूं जय कोई कहीं सहायक ना मिले तो अपना बल पोरस नाही ले बस इतना होए करुणा में भगवान मेरा भार अगर लघु करके ना दो सांत्वना नहीं सही केवल इतना रखना अनुनय वाहन कर सकूं इसको निर्भय ना तो सिर्फ होकर सुख के दिन मैं तब मुख पहच जानू छीना छीना में दुख रात्रि में करें वंचना मेरी जिस दिन निखिल मां उस उस दिन ऐसा हो करुणा में तुम पर करूं नहीं कुछ संशय|
- रवींद्रनाथ ठाकुर🙏