स्व प्रेरणा
चलता चला जा रहा हू यही सोचकर गलियो में अकेला,,,,,,, कि कौन हूं मैं,,, कौन हूं मैं !!!!!!!! लिखेगा इतिहास कभी इबारत जिसकी वो मौन हूं मैं,,,,,,,,,,,,वो मौन हूं मैं.....हाँ, यह सच है की जिंदगी में खूब हारा हूं मैं!!!!पर क्या करू एक खुद ही तो का सहारा हूं मैं....चलता चला जा रहा हूं इन अंधेरी रातो मे