एक नव सुख जीवन में आया
एक नन्हा जीवन मुस्काया
कुछ नादानी कुछ शैतानी
कुछ रंग नवल संग में लाया ।
सब उसको गोद उठाते थे
लोरी गा गा के सुलाते थे
रोने पर भागे आते थे
भर अंक उसे सहलाते थे ।
धीरे धीरे वो बड़ा हुआ
अपने पैरों पर खड़ा हुआ
हर्षित घर का हर बड़ा हुआ
बचपन एक सीढ़ी चढ़ा हुआ ।