दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने जनहित में एक कार्य किया BRT बनाने का, दिल्ली में बसों की सहूलियत के लिए स्वागत किया गया था और विरोध भी! तत्कालीन मुख्यमंत्री जनता के हित में लिए गए भूतपूर्व फैसले को हटा रहें है इसका भी स्वागत किया जाना चाहिए, अगर आप दिल्ली के सड़कों पे चलते है तो आप भी इसका स्वागत करेंगे?
इन दोनों फैसलों में जनता का पैसा लगा हुआ था/है, मगर इसका फायदा किसको हुआ इस पर सवालिया निशान ज़रूर है!
क्या हमारी देश की राजनीती के पास दूरदर्शिता का अभाव है या ऐसा जानबूझ कर किया जाता है? कभी तो देश के राजनेता कहते है की हमारी संस्कृति एक सोच है या देश की समस्या, अब इसे देश की जनता को तय करना है?