चुनाव बंगाल में मगर मजदूरों की तंगी देश भर में कारण, कार्यकर्ताओं की ज़बरदस्ती धड़-पकड़ कहें या खैरात में लूटती पैसों की खनखनाहट?
बंगाल से मजदूर खास कर बिजली के परियोजनाओं में मुख्यत काम करते है और देश भर में उनकी मांग है खास करके मालदा/२५ परगना/हावड़ा/मुर्शिदावाद के मजदूरों की!
हाल के दिनों में जो भी मजदूर अपने काम के लिए गन्तवय स्थान के लिए निकलना चाहते है पहले तो उनको पैसों का लालच दिया जाता है फिर भी अगर नहीं रुके तो जबरन उनको बंगाल के सीमाओं के अंदर ही रोका जाता है? यह बंगाल में चुनाव की पहचान है?
अगर कोई निकलना भी चाहता है तो रास्ता जोखिम भरा होता है बस से माध्यम दुरी का रास्ता तय करके किस्तों में निकलते है, लोकतंत्र है अपना मतदान ज़रूर करें मगर अपनी मर्जी से दबाब में आ कर नहीं!