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#Anisha सुनो ना मुट्ठी भर ही तो हैं खुशियाँ सुबह खुले तो धूप से रोशन शाम खुले तो जुगनू से रोशन तुम प्रेम से खोलो रोशनी मिलना तय है बस मुट्ठी खोलते खिलखिला देना खिलखिला उठेगी खुशियों की धू