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धूप...रोशनी

24 फरवरी 2022

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#Anisha

सुनो ना

मुट्ठी भर ही तो

हैं खुशियाँ

सुबह खुले तो

धूप से रोशन

शाम खुले तो

जुगनू से रोशन

तुम प्रेम से खोलो

रोशनी मिलना तय है

बस मुट्ठी खोलते

खिलखिला देना

खिलखिला उठेगी

खुशियों की धूप

आसान है बहुत,

मुट्ठी भर नहीं

बेहिसाब

खुशियां पाना

हर दिन हर पल

तो हँसते रहिये

अंजुली भर धूप

आँचल भर होगी

©anitasharma

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