#Anisha
सुनो ना
मुट्ठी भर ही तो
हैं खुशियाँ
सुबह खुले तो
धूप से रोशन
शाम खुले तो
जुगनू से रोशन
तुम प्रेम से खोलो
रोशनी मिलना तय है
बस मुट्ठी खोलते
खिलखिला देना
खिलखिला उठेगी
खुशियों की धूप
आसान है बहुत,
मुट्ठी भर नहीं
बेहिसाब
खुशियां पाना
हर दिन हर पल
तो हँसते रहिये
अंजुली भर धूप
आँचल भर होगी
©anitasharma