नए उद्यमी को बिज़नेस शुरू करते समय यह डर बहुत सताता है कि उसकी आइडिया को कोई चुरा ना ले और उससे पहले बाज़ार में लेकर ना आ जाए. एक तरफ आपको बहुत लोगों से चर्चा करनी पड़ती है ताकि आप उनकी मदद ले सकें और दूसरी तरफ आपको संभलना भी पड़ता है कि ज्यादा ना बतायें. अगर आप इस दुविधा से जूझ रहे हैं तो हम आपको आश्वासन देना चाहेंगे कि बहुत से लोगों को आपकी आइडिया चुराने में कोई दिलचस्पी नहीं रहती है क्योंकि हर कोई बहुत से दूसरे विषयों में उलझा रहता है. आप ऐसे सोचिये कि आपका कोई मित्र या पहचान वाला किसी बिज़नेस आइडिया की चर्चा करता है तो क्या आप उसको चुराने के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं? साधारण परिस्थितियों में ऐसा बहुत कम ही होता है और साथ में इस बात को भी सोचना होगा कि बिज़नेस आइडिया अपने आप में सिर्फ एक विचार है और उसको हकीकत में एक सफल बिज़नेस बनाने के लिए बहुत से बिंदुओं पर कड़ा परिश्रम करना पड़ता है.
वैसे कुछ व्यवहारिक बातों का ध्यान रखने से अपनी आईडिया को और भी सुरक्षित किया जा सकता है. आईये इन बातों पर एक नजर डालते हैं.
१- जरुरत से ज्यादा ना बताएं: आप को शुरुआत में भावी कर्मचारी, सप्लायर, उत्पादक, सलाहकार इत्यादि से बात करनी पड़ेगी और सबको आपके बिज़नेस आइडिया की जानकारी होना जरूरी है परन्तु कितनी गहराई में जाना है, यह सभी लोगों के लिए समान नहीं होगा. आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जोश में जरुरत से ज्यादा ना बात करें और सूचना को सीमित रखें. इस सूची में शायद आपका निवेशक या ऋणदाता नहीं आयेंगे और आपको उनको बहुत ही ज्यादा गहराई में जाकर बताना होगा परन्तु स्थापित और नामी लोग अपनी साख का बहुत ध्यान रखते हैं और आइडिया चुराने में उनकी कोई रूचि नहीं होती.
२- गैर प्रकटन अनुबंध (Non-Disclosure Agreement) का उपयोग कर सकते हैं: ज्यादातर पेशेवर कम्पनियों को इस अनुबंध को साइन करने में दिक्कत नहीं होगी परन्तु निवेशक और ऋणदाता से इसकी बात ना करें, उनको बुरा लग सकता है. इस अनुबंध से आपको वैधानिक सुरक्षा मिल सकती है. कुछ परिस्थितियों में आप गैर प्रतिस्पर्धा अनुबंध (Non-Compete Agreement) का भी उपयोग कर सकते हैं, खासकर यदि आप किसी प्रतिस्पर्धी कंपनी से कोई लेन-देन कर रहें हैं.
३- चर्चा करने वाले के बारे में पहले से जानकारी हासिल करें: मिलने से पहले थोड़ी जानकारी हासिल करके आपको मिलने वाले व्यक्ति के चरित्र के बारे में पता चलेगा. ऐसा करने से उसके पहले के आचरण का पता लग सकता है और इतिहास में अगर उसने ऐसी कोई चोरी की है तो आप सतर्क हो सकते हैं.
४- खास लोगों से ही बात करें: ज्यादातर नए उद्यमी अपनी आइडिया में अपने पुराने मित्र या रिश्तेदारों को ही साथ लेकर आते हैं क्योंकि वहां पहले से ही विश्वास बना हुआ है.
५- पेटेंट, ट्रेडमार्क या कॉपीराइट (Patent, Trademark or Copyright) करवायें: यह आइडिया के ऊपर निर्भर करता है परन्तु आपके पास पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का विकल्प है. आपको इसकी सही जरुरत और उचित समय निर्धारित करना होगा क्योंकि आइडिया में चर्चा के बाद बदलाव होने की संभावना हो सकती है. हमारे अनुभव से ज्यादातर आइडिया में कुछ लोगों से बात करने के बाद परिवर्तन आता ही है जो मुख्यतः अच्छा ही होता है.
६- लिखित प्रमाण रखने की कोशिश करें: जहाँ तक संभव हो अपनी मीटिंग का कुछ लिखित प्रमाण रखिये कि आप कब मिले और क्या चर्चा हुई. अनहोनी की स्थिति में, कोर्ट केस में कुछ लिखित प्रमाण काम आ सकते हैं. यह निर्भर करेगा कि प्रमाण कितना प्रासंगिक है, फिर भी कुछ प्रमाण हाथ में होना हमेशा अच्छा है.
जैसा कि हमने पहले ही कहा, ज्यादातर समय आइडिया का खुलासा करने में कोई दिक्कत नहीं है परन्तु थोड़ी सी सावधानी से आप हमेशा सुरक्षित रह सकते हैं. हम आशा करतें हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी है और हम आपके कमेंट की प्रतीक्षा करेंगे.
यह लेख हमारी वेबसाइट https://businesskahani.com/ पर सबसे पहले प्रकाशित हुआ था - https://businesskahani.com/2017/08/25/protect-your-business-idea/