लिपट जाती है बेलों की तरह
बड़ी अनमोल होती है यादें.......
कभी भिगोती है आँखे
अनायास ही हँसाती है यादें........
मोती जो सम्भाले वो सीप है यादें..........
पतझड़ के बादआता बसन्त है यादें......
सावन की फुहार है यादें.......
उगते सूरज की पहली किरण है यादें.........
गर्माहट रिश्तो में लाती है यादें........
दीवारेँ घरों की गिराती है यादें..........
लिपट जाती है बेलों की तरह
बड़ी अनमोल होती है यादें.......