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जिन्दगी बहुत खूबसूरत है

24 अप्रैल 2015

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यह जिन्दगी बहुत खूबसूरत है, इसे जी कर तो देखिये। कोरी है किताब जनाब की, जरा लिखकर तो देखिये ॥ पानी नहीं ये अमृत है जरा पी कर तो देखिये। ‘गुरु’ पी रहे हैं बैठ कर ताड़ के नीचे ताड़ी नहीं यह दूध है जरा चढ़कर तो देखिये। मजा नहीं आयेगा हर किस्म के कुदरती आमों में। इन पिलपिले गालों को जरा चूम कर तो देखिये॥

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शब्दनगरी संगठन

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सुन्दर अभिव्यक्ति...आभार !

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जिन्दगी बहुत खूबसूरत है

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यह जिन्दगी बहुत खूबसूरत है, इसे जी कर तो देखिये। कोरी है किताब जनाब की, जरा लिखकर तो देखिये ॥ पानी नहीं ये अमृत है जरा पी कर तो देखिये। ‘गुरु’ पी रहे हैं बैठ कर ताड़ के नीचे ताड़ी नहीं यह दूध है जरा चढ़कर तो देखिये। मजा नहीं आयेगा हर किस्म के कुदरती आमों में। इन पिलपिल

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वर्णांधता- कलर ब्लाइंडनेस

24 अप्रैल 2015
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वर्णांधता ( आँखों का एक रोग है जिसमें रोगी को किसी एक या एक से अधिक रंगों का बोध नहीं हो पाता है, जिससे उसकी रंगबोध की शक्ति साधारण व्यक्तियों के रंगबोध की शक्ति से कम होती है। यह रोग जन्म से हो सकता है अथवा कतिपय रोगों के बाद उत्पन्न हो सकता है। साधारण व्यक्ति रंग के हलकेपन या गहरेपन का अंतर भल

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कलर ब्लाइन्ड का हल

7 जून 2016
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आपकी शतप्रतिशतसफलताहीहमारीगारन्टीहैकलरब्लाइण्ड(वर्णांधता)कोईबीमारी नही है।येएकप्रकार का आनुवांशिकविकारहै।जिसमेरंगोंकीविषमता(कन्ट्रास्ट)कमहोजातीहै।इसकाकोईभीइलाजपूरीदुनिया मे नहींहै. हर प्लेटमेकेवलदोहीरंगहोतेहैं।हरावलाल. बाकीरंगइसकेपूरकहोतेहैं. जब हमआपकोबतायेंगे कि कौनसारंगकिसप्लेट  में कहाँदेखनाहैतोआ

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