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बैलून

22 जून 2022

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शादी का उत्सव था। वह पांच - छ: साल का बालक अपने पापा मम्मी का हाथ पकड़े, जो पंडाल में घूम कर बैठने की जगह तलाश रहे थे , चारों ओर की   सजावट में आनंदित था। बैठ कर वो सभी जलपान  का आनन्द लेने लगे। थोड़ी सी दूरी पर दूसरी टेबल पर एक और दम्पति अपनी पांच-छ: साल की चंचल पुत्री के साथ बैठे थे। छोटी बालिका का मन  जलपान,  कोल्डड्रिंक में कम और अपने बैलून से खेलने में ज़्यादा था। आने जाने वालों की परवाह न करते हुए वह बैलून हवा में उछाल उछाल कर खेलने में मस्त थी।

अचानक से इस बार बैलून हवा के  झोंके से उसकी पहुंच से दूर उस छोटे बालक की  टेबल पर जा गिरा। झट से नन्हे बालक ने बैलून अपनी नन्ही बाहों मे भर लिया और जा कर उस बच्ची को दे दिया, जो अभी तक यह सोच रही थी की उसका प्यारा  बैलून उसके हाथ से चला गया। बच्ची ने कुछ कुछ डरते हुए, कुछ कुछ उसे वापस पा जाने की राहत से धीरे से बैलून ले लिया  और दौड़ करअपनी   मम्मी से सटकर  खड़ी हो गई। छोटा बालक मुस्कान और खुशी से एक पल उसे देखता रहा । इससे पहले कि वह मुड़ कर अपनी टेबल पर जाता, बालिका ने बैलून उसकी ओर उछाल दिया । बालक ने वौली बाल की तरह उसे वापस बालिका की ओर उछाल दिया। बस फिर क्या था दोनो  बच्चे इस खेल मे मगन हो गये। वो कभी गिरते थे टकराते थे, हँसते थे खिलखिलाते थे ।  शायद उस पूरे पंडाल में उनसे ज़्यादा किसी ने भी  इतना  एन्जॉय नहीं किया था।   तभी  अचानक एक धमाके की सी आवाज़ के  साथ  बैलून नुकीली घास से फूट जाता है।  दोनो डरे डरे एक पल को स्तब्ध अपनी जगह खड़े रह जाते हैं। फिर दोनो ताली बजते हुए उस फूटे बैलून को उठा लेते हैं।

खेल खत्म हो गया था वापस अपनी टेबलों पर जाने का वक़्त आ गया। तभी उस बच्चे को अपनी जेब में रखी चॉकलेट बार का ध्यान आया, जो रास्ते में उसने पापा से ज़िद कर के खरिदवाई थी। उसने झट से चॉकलेट निकाल कर उस प्यारी सी  बच्ची को थमा दी, जिसने बड़ी मुश्किल से उसे स्वीकार किया और भाग कर मम्मी की गोद में चढ़ गई। उसकी मम्मी ने बालक को अपने पास बुलाया उसके सर पर हाथ फेर उस से बातें कीं   और फिर चॉकले-बार दोनों  में आधी आधी बांट दी।  कुछ देर में दोनों नन्हे   बच्चे  अपने अपने   मम्मी पापा के साथ अपने घरों को चले गये।

दूर एक टेबल से मैं यह पूरी घटना देख और एन्जॉय कर रहा था। मेरे मन में यीशु मसीह का यह कथन गूंज रहा था-

"जब तक तुम छोटे बच्चों के समान न बनो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते  ।"

काश  आज मनुष्य इस रहस्य को समझ पाता ।

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