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बेटी बचाओ

12 मई 2015

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इतिहास उठाकर देखा हमने , तब -तब हुई लड़ाई हैं । जब -जब किसी की माता और बहन ने , आवाज़ उठाई हैं । तब -तब चमके तलवार पुराने , उसमे नई धार आई हैं । यह मत समझो तुम , अकेले कुछ भी कर पाओगे । बेटी बचाओगे तो , इतिहास कैसे बनाओगे । आशुतोष

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