दोस्तों क्या आप जानते है की भारतवर्ष की संबिधान दुनिआ का सबसे लम्बा तथा लिखित संबिधान है जिसमे वर्त्तमान 404 अन्नुछेद और 10 मुख्य सुचिया अंतर्गत है . सं 1950 के 26 जनुअरी से कार्यकरी होने वाली वाले भारतीय संबिधान में बहुत सारी विशेषताए हमें देखने मिलते है .
इस लेख में भारतीय संबिधान की इन्ही विशेषताओ का अन्यतम मौलिक कर्तब्यो के बारे में जानेंगे , जो इसके 42 तम संशोधनी के जरिए अंतर्गत किआ गया था .
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भारतीय संबिधान में कुल 10 मौलिक कर्तब्यो को इसके अंतर्गत किआ गया है . तो चलिए एक एक करके इनको जानना आरम्भ करते है : -
1. देश की संबिधान का वाहन करना : - ये देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तब्य है की वो अपने देश की संबिधान को मानके चले . संबिधान का वाहन करने के साथ साथ देश के राष्ट्रीय धव्ज और राष्ट्रीय संगीत का सम्मान करना भी अति प्रयोजनशील कर्तब्य है .
2. देश की महान आदर्शो को वाहन करना : - जिस धैर्य , एकतापूर्ण अनुभूति के साथ संग्राम करके भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुआ उस धैर्य , एकतापूर्ण अनुभूति को सम्मान करना भी इस देश हर नागरिक का कर्तब्य है .
3. सांस्कृतिक सुरक्षा : - भारत एक पौराणिक संस्कृति का देश है जहा भगवान बुद्ध , भगवान राम के आदर्शो को लोग आज भी वाहन करके चलते है .इसीलिए ये प्रत्येक सभ्य नागरिक का कर्तब्य है की वो हमेशा ही अपने मूल्यबान संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए कार्य करे .
4. देश की रक्षा करना : - हम भारत देश में रहते है इसीलिए अपने देश की रक्षा करना हम सभी का कर्तब्य है .
5. एकता की रक्षा : - किसी देश का जनम और विकाश का जो मूल मंत्र है वो है उस देश की एकता . भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने देश और समाज की एकता को कायम रखने के लिए हमेशा ही चेस्टा करना होगा .
6. देश की प्रगति : - प्रत्येक व्यक्ति को सतर्क होके अपने देश की प्रगति के लिए कार्य करना होगा .
7. प्राकृतिक सम्पदा की रक्क्षा : - एक देश की उन्नति के लिए प्राकृतिक सम्पदा बेहद ही जरूरी होती है .इसीलिए सबको अपने भारत देश की प्राकृतिक सम्पदा की रक्क्षा करना होगा .
8. वैज्ञानिक सोच : - मानब समाज की प्रगति के लिए वैज्ञानिक सोच जरूरी है क्योकि इसके बिना मानव कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता . इसीलिए देश की प्रत्येक व्यक्ति को अंधबिस्वासपूर्ण धारणाओं को छोड़के यौक्तिक वैज्ञानिक सोच की आदि होना पड़ेगा .
9. भेदभाव को दूर करना : - जाती ,धर्म वर्ण , भाषा ,लिंग इत्यादि को केंद्र करके कोई भी भेदभाव नहीं किआ जायेगा .
10 . राष्ट्र की संपत्ति की रक्षा : - हर व्यक्ति को राष्ट्र की संपत्ति की रक्षा करने के लिए अपना योगदान देगा होगा .