श्रद्धांजलि
"भूपेन्द्र दा का निधन एक अपूरणीय क्षति
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राहों पर नजर रखना होंठों पे दुआ रखना
आ जाए कोई शायद दरवाजा खुला रखना "
जैसी दिलकश ग़ज़ल गाने वाले भूपेन्द्र सिंह का निधन संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है
आल इंडिया रेडियो दिल्ली से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले भूपेन्द्र सिंह को जाने माने संगीतकार मदन मोहन ने 1964 में अपनी फिल्म हकीकत में पहला बड़ा मौका दिया और भूपेन्द्र ने जो गीत गाया उसके बोल थे " होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा.......
इस गीत को लोगों ने काफी पसंद किया और इस तरह भुपेंन्द्रसिंह का भारतीय फिल्म उद्योग में प्रवेश हुआ
बहुमुखी प्रतिभा के धनी भुपेंद्रसिंह जितने अच्छे प्लेबैक सिंगर थे उतने ही अच्छे गजल गायक भी रहे अपनी पत्नी मितालीसिंह जो खुद एक अच्छी गायिका हैं के साथ देश विदेश में कई स्टेज कार्यक्रम किये और दोनों के गीतों और ग़ज़लों के कई रिकॉर्ड और एल्बम निकले जो लोगों ने खूब पसंद किये
मौसम , सत्ते पे सत्ता , आहिस्ता-आहिस्ता ,हकीकत आदि फिल्मों में उनके गाए गीत आज भी लोगों की जुबान पर है भुपेंद्रसिह को हारमोनियम वायलिन और गिटार बजाने में महारथ हासिल थी ,
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--संजय डागा
हातोद
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