भारतीय संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी सांसदों और सरकार के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भी लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने तख्तियां लेकर सदन में घुसने की कोशिश की, जिससे हंगामा मच गया इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 49 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया। इसमें कांग्रेस की डिंपल यादव, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव शामिल है।
इसके साथ ही अब तक संसद से कुल 141 विपक्षी सांसद निलंबित हो चुके हैं। इनमें कांग्रेस के 76, टीएमसी के 25, डीएमके के 10, राजद के 6, सपा के 4, एनसीपी के 3, शिवसेना के 2, और वाम दलों के 2 सांसद शामिल हैं। विपक्षी सांसदों ने निलंबन के फैसले को सरकार की दमनकारी करवाई बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार संसद में विपक्षीय आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सरकार से निलंबन वापस लेने की मांग की है। लोकसभा में हंगामा के बाद भी विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार देश में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह घटना भारतीय संसद की इतिहास में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है यह दिखाता है कि सरकार और विपक्ष के बीच विश्वास का संकट गहराता जा रहा है।
विवाद का कारण क्या है ?
विपक्षी सांसदों और सरकार के बीच विवाद का मुख्य कारण है सरकार की अग्निपथ योजना। विपक्षी सांसद इस योजना का विरोध कर रहे हैं और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह योजना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि सरकार संसद में उनके सवालों का जवाब नहीं दे रही है और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
निलंबन का मतलब क्या है ?
निलंबन का मतलब है कि निलंबित सांसद संसद की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकते हैं। वे सदन में नहीं आ सकते हैं और सदन की किसी भी समिति में सदस्य नहीं रह सकते हैं निलंबन की अवधि आमतौर पर 15 दिन से 30 दिन तक होती है।
निलंबन के खिलाफ कानूनी उपाय
निलंबित सांसद निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट निलंबन को अवैध करार दे सकता है।
याद देखना होगा कि आगे क्या होता है क्या सरकार निलंबन वापस लेती है या नहीं अगर सरकार निलंबन वापस नहीं लेती है तो विपक्ष सांसद संसद मैं हंगामा जारी रख सकते हैं इससे संसद के कार्यवाही प्रभावित हो सकती है।