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धनतेरस पर लोहारू में लोगों ने की जमकर खरीददारी : बाजारों में रौनक बढी

11 नवम्बर 2015

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लोहारू में धन तेरस के मौके पर लोगों ने गहनों, बर्तनों आदि की जमकर खरीददारी की और इसी के साथ बाजारों में दीवाली की रौनक बढ गई है। सभी बर्तनों व ज्वैलर्स की दुकानों पर ग्राहकों का तांता लगा रहा और लोगों ने धन वृद्धि की कामना के साथ खूब खरीददारी की। गहनों, बर्तनों के अतिरिक्त गणेश जी व लक्ष्मी जी की मूर्तियों की लोगों द्वारा अधिक खरीद की गई। बाजारों में सजावटी रोशनी, देवी-देवताओं के चित्र, बिजली की लडिय़ां, मोमबत्तियां, मिठाई, मिट्टी के दीपक व फल-फूलों की दुकानें अधिक सजी हुई हैं।

आपको बता दें कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की जयंती भी होती है तथा प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन औषधि, वनस्पति, धन-संपदा देने वाली प्रकृति का आभार व्यक्त किया जाता है। लोग अपने घर में धन-दौलत की वृद्धि के लिए गहने और बर्तन खरीद कर इस दिन से उनको प्रयोग में लाना शुरू करते हैं और अपने परिवार व राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इसके दो दिन पश्चात दीवाली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।

स्वर्णकार प्रेम सोनी ने बताया कि हिन्दू रीति-रिवाज के हिसाब से धन तेरस बहुत ही शुभ होता है तथा इस दिन महंगाई के बावजूद हर कोई अपने घर में चांदी का सिक्का या छोटा-मोटा गहना अवश्य लेकर जाता है। उन्होंने बताया कि लोहारू जैसे रेतीले क्षेत्र में कम आय के बावजूद बिक्री संतोषजनक रही है।

विजयप्रभा गृहिणी ने बताया कि धनतेरस के दिन हम पीली, सफेद धातु, सोने-चांदी के सिक्के, बर्तन आदि खरीदते हैं और कामना करते हैं कि सारा साल घर में समृद्धि बनी रहे। इस दिन भगवान धन्वन्तरि की जयंती भी होती है तथा हम औषधि-भोजन देने वाली प्रकृति का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे बुजुर्गों की इस परंपरा को हम भी निभा रहे हैं ताकि घर में लक्ष्मी का आगमन हो और आने वाला साल शुभ रहे। 


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