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हम या धरम

4 मई 2015

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अयोध्या हिंदुओं का तीर्थ स्थल है और हिंदू तथा मुस्लिम दोनों धर्मों में आस्था रखनेवाले 500,000 से भी अधिक लोगों द्वारा नियमित रूप से यहां सालाना राम महोत्सव मनाया जाता है, और बाबरी मस्जिद के प्रांगण के कुएं से बहुत सारे भक्त पानी पीने आते हैं. मान्यता यह है कि इस कुएं का पानी पीने से बहुत सारी बीमारियों का इलाज हो सकता है. हिंदू तीर्थयात्रियों का यह भी मानना हैं कि बाबरी पानी का कुआं वास्तव में मस्जिद के नीचे राम मंदिर का ही था. अयोध्या के मुसलमानों का मानना था कि कुआं अल्लाह द्वारा दी गयी नियामत है. स्थानीय महिलाएं इस प्रसिद्ध आरोग्यकारी पानी को पिलाने के लिए नियमित रूप से अपने नवजात बच्चों को लेकर आती हैं. ab ye kua hindu ka ho ya muslim ka pr koi bhi insan chahe vo kisi bhi dharm ka ho, yaha ka pani peeta h to uski beemariya dur ho jati h..... muslims ke allah aur hindu ke bhagwan har pal ye bat batane ki kosis krte h ki mai hi ISWAR hu aur mai hi ALLAH hu.. mai na hi mandir me basta hu aur na hi masjid me mai sirf insaniyat me bsta hu..... MUSALMAN KO KURAN ME ALLAH NA DIKHA HINDU KO GEETA ME BHAGWAN NA DIKAH BEKAR H US INSAN KA JEENA JISE INSAN KE
शब्दनगरी संगठन

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अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम...सुन्दर विचार ! मनीष जी, शब्दनगरी से इसी प्रकार जुड़े रहिए और नित नई रचनाएँ करते रहिए...धन्यवाद !

5 मई 2015

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