आज की कुडियां
दो नंबर की हैं आज कल की कुडी।मीठा - मीठा बोल के चलाती हैं छूरी. घुण्टे ना गला मर जायें वो खुदी।।दो नम्बर ……......…...……....., बिन की लगा के फांसी मरती हैं वो जा कर झांसी।वीरांगना कहलाती हैं।। दो नम्बर…..................................अपनें तो परलोक जाती हैं। घरवालों को जेल करवती है।। दो नम्बर….....