निःशुल्क
ये इतना साफ़ आसमाान ये इतनी धूप क्यों मैं आज घर से कैसे निकलूं मेरे इरादे दिख जायेंगे ये तपिश भरा दिन, सब बादल हट गए वो बर्फ की चादर गुम है मैं आज बाहर न जाऊँ मेरे आंसू पिघल जायेंगे मुझे वो