दोस्तों आज हम सभी लोग इन्टरनेट का इस्तेमाल करते है लेकिन क्या कभी आपने ये जानने का प्रयास किया कि आखिर इन्टरनेट है क्या और किसने इन्टरनेट कि खोज की. अगर नहीं तो आज इस लेख में मैं आपको संक्षिप्त में बताऊंगा कि इन्टरनेट क्या है और इन्टरनेट कि खोज किसने की.
इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है. दुसरे शब्दों में कहे तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं. इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है.
इन्टरनेट एक इंग्लिश शब्द है जो इंग्लिश के ही एक और शब्द “Internetworked” से लिया गया है. Hindi में Internet का meaning होता है “अंतरजाल“. इन्टरनेट हजारों-लाखों कम्प्यूटरों का एक जाल है इसे हिंदी में अंतरजाल या फिर सामान्य भाषा में “महाजाल” भी कह सकते है.
अगर हम बात करे कि इन्टरनेट का मालिक कौन है तो इसका जवाब होगा कोई नहीं और बहुत सारे लोग. यहाँ कोई नहीं कहने से तात्पर्य यह है कि इसका कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं है. और बहुत सारे लोग से यह तात्पर्य है कि जो कंपनियां इन्टरनेट कि सुविधा प्रदान करती है या फिर वो कंपनियां जो सर्वर इत्यादि लगाती है वो इसका मालिक हो सकते है.
इंटरनेट की खोज के पीछे कई लोगो का हाथ था. सबसे पहले लियोनार्ड क्लेरॉक (Leonard Kleinrock )ने इंटरनेट बनाने की योजना बनाई बाद में 1962 में J.C.R. Licklider ने उस योजना के साथ, रोबर्ट टेलर (Robert Taylor) की मदद से एक Network बनाया जिसका नाम “ARPANET “ था. ARPANET को TELNET नाम से 1974 में व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया गया. भारत में इन्टरनेट 80 के दशक में आया.
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