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जाने के लिए मत आना

22 नवम्बर 2021

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अब अगर आओ जाने के लिए मत आना  

सिर्फ एहसान जताने मत आना 

मैंने पलकों पर तमन्नाएँ सजा रखीं हैं

दिल में उम्मीद की सौ शम्मे जला रखीं हैं

ये हंसी शम्मा बुझाने के लिए मत आना

प्यार की आग में जंजीरों पिघल सकती है

चाहने वालों की तकदीरें बदल सकती है

तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना

अब अगर आओ जाने के लिए मत आना

अब तुम आना जो तुम्हें मुझसे मोहब्बत हो कोई

मुझसे मिलने की अगर तुमको भी चाहत हो कोई

तुम कोई रस्में निभाने के लिए मत आना

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना

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