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#जनकप्रदेश

3 सितम्बर 2022

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जिस क्षेत्र से अकूत संपत्ति वसूली किए कर स्वरुप उसे जमींदोज कर छोड़ दिए दरभंगा महाराज और कर वसूली का बड़ा हिस्सा पहले मुगलों को सौंप दिया फिर अंग्रेजों को देकर वाहवाही लूटने में रहें और मिथिला का पहचान गौन होता चला गया, आज भी दरभंगा के जनता उनके ही गुनगान में डूबे हुए हैं
 

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फोटो ईटीवी के सौजन्य से डाऊनलोड किया गया है
हम दरभंगा आधारित मिथिला राज्य का विरोध करते हैं क्योंकि अबतक दरभंगा आधारित मिथिला में सबसे अधिक विपरीत प्रभाव सिर्फ सीतामढ़ी शिवहर मुजफ्फरपुर मोतीहारी पश्चिमी-उत्तरी बिहार को पर परा है और हम अबतक पिछड़े हुए हैं तो इसका सबसे बड़ा कारण है दरभंगा राज जो अमूमन 1577 से मुग़ल सम्राट और 1717 से अंग्रेजी हुकूमत के सहयोग से चलते हुए आया, यकीं मानिए आजतक सीतामढ़ी जैसे तमाम जिलों में दरभंगा महाराज को पुजा जाता रहा किंतु वे इसके पात्र नहीं हैं यह धीरे धीरे जनता जानने लगे हैं , हां यह सच है कि मैथिली संस्कृति दरभंगा में अबतक अक्षुण्ण है, जिसका कारण है राज दरभंगा संपूर्ण मिथिला से मालगुजारी वसूल कर 40% मुग़ल सम्राट और अंग्रेज़ी हुकूमत को लौटा दिया और शेष अपने अइयासियो पर व्यय किया, कुछ साकारात्मक कार्य भी सराहनीय रहा जो दरभंगा शहरी क्षेत्र तक सीमित रहा, कुछ विशेष कार्य जैसे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी को दिए गए योगदान और इलाहाबाद में किया गया खर्च, किंतु जहां से कर वसूली किए वहां एक भी ढेला (पैसा) नहीं विकासात्मक गतिविधियों के लिए लगाए, हैरान तो यह सोचकर हूं कि सीतामढ़ी जिले में स्थित जानकी जन्मस्थली और जनकपुर जैसे मिथिला के आइडेंटिटी के लिए भी कुछ भी नहीं किए, जहां जनकपुर धाम में टीकमगढ़ की महारानी नौलखा मंदिर निर्माण करवाया वहीं पुनौरा धाम आज भी वही का वही है जैसे विरान राजा जनक के हल चलाने से पूर्व था तो बताइए सीता की सौगंध खाकर की सीतामढ़ी का गुनहगार कौन है और मैं कहां तक गलत हूं,,,, हां मिथिला राज्य अवश्य बने किंतु मिथिला राज्य की राजधानी अब जनकपुर में संभव नहीं है तो जनकप्रदेश के हृदय स्थल जनकपुर रोड़ अर्थात पुपरी में बने जो प्राचीन मिथिला के केंद्र में स्थित है अन्यथा जैसे है वैसा ही रहे क्योंकि वर्तमान भारतीय सरकार का सांस्कृतिक एजेंडा बेहतर है और इसके चलते सीतामढ़ी धीरे धीरे ही सही अपने उत्थान को पा ही लेगा 🙏जय जनकप्रदेश 🙏

नोट:- यदि आप निर्माणाधीन शिव मंदिर कंसारा सीतामढ़ी जनकप्रदेश में अपना सहयोग प्रदान करना चाहते हैं तो +91 9795261267 पर वाट्सएप करके पहले अपने नाम व पता वाले रसीद देख ले फिर इच्छा अनुसार दान भेजें 🙏


याद रखें कि मंदिर में दान करने का मौका हर वक्त मिलता है किन्तु मंदिर निर्माण कार्य में योगदान का सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है अतः यथा संभव योगदान निर्माणाधीन शिव मंदिर को देकर खुद को कृतार्थ करें 🙏 ऊं नमः शिवाय 🙏

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