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जनसभा.org एक नई सोच है। हिन्दी, विश्व की तीन सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक फिर भी पुस्तक प्रकाशन में बहुत पीछे। यह व्यवस्था का विकार है या पाठक की उदासीनता? नवीन विचारों की कमी है या समकालीन उपभोक्ता की अपेक्षा से कम एक उत्पाद? संभवतः सारे कारण हैं। जनसभा एक प्रयास है, एक साधना है इस दिशा में। जनसभा के तीन स्तंभ हैं – भूमि, भाषा एवं भाव। भारत भूमि, हिन्दी भाषा एवं भाव पारदर्शिता का। हिन्दी अगर हमारी मातृ भाषा है तो सारी मूलतः भारतीय भाषाएं हमारी मा-सी (मौसी)। website:- namaste@jansabha.org

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हे राम : गाँधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल

हे राम : गाँधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल

गांधी हत्याकांड का सच सिर्फ इतना भर नहीं है कि 30 जनवरी 1948 की एक शाम गोडसे बिड़ला भवन आया और उसने गांधी को तीन गोली मार दीं। दरअसल, गांधी हत्याकांड को संपूर्ण रुप से समझने के लिये इसकी पृष्ठभूमि का तथ्यात्मक अध्ययन अति आवश्यक है। इस पुस्तक में गांध

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प्रिंट बुक:

599/-

हे राम : गाँधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल

हे राम : गाँधी हत्याकांड की प्रामाणिक पड़ताल

गांधी हत्याकांड का सच सिर्फ इतना भर नहीं है कि 30 जनवरी 1948 की एक शाम गोडसे बिड़ला भवन आया और उसने गांधी को तीन गोली मार दीं। दरअसल, गांधी हत्याकांड को संपूर्ण रुप से समझने के लिये इसकी पृष्ठभूमि का तथ्यात्मक अध्ययन अति आवश्यक है। इस पुस्तक में गांध

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हे राम के अध्याय खंड 2 : मैं मारूंगा गांधी को

23 मार्च 2023
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रामचन्द्र से नाथूराम तक मिस्टर ऐन्ड मिसेज आप्टे संपादक गोडसे, मैनेजर आप्टे जिन्ना को बम से उड़ा देंगे गोडसे ऐन्ड कंपनी गांधी को मरना होगा …और शिकार बच गया वह फिर आएगा पिस्टल नंबर 606824 37

हे राम के अध्याय खंड 1 : गांधी मृत्यु की ओर

23 मार्च 2023
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मेरी पसंद जवाहर है कलकत्ता: रमजान का 17वां दिन नोआखली: उनकी औरतें सुंदर होती हैं! ब्रह्मचर्य के प्रयोग पाकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा! कलकत्ता: प्रतिशोध की ज्वाला दिल्ली: एक जलता हुआ शहर गांधी की

एक झलक

23 मार्च 2023
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गांधी हत्याकांड का सच सिर्फ इतना भर नहीं है कि 30 जनवरी 1948 की एक शाम गोडसे बिड़ला भवन आया और उसने गांधी को तीन गोली मार दीं। दरअसल, गांधी हत्याकांड को संपूर्ण रुप से समझने के लिये इसकी पृष्ठभूमि का

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