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लेखन ही हॉबी तथा पेशा है!

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AMRIT

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अमृत-कलश के माध्यम से आप सबका ध्यान समसामयिक एवं रोचक विषयों पर करना चाहूंगी ।

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lahrein

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इस आयाम के अंतर्गत आप मेरी कविताएँ, ग़ज़लें, नज़्में और रोचक समाचार वगैरह पढ़ सकते हैं...

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halkifulkibaatein

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इस आयाम के मध्यम से, मैं आपके के साथ मनोरंजक एवं रोचक समाचार, जोक्स वग़ैरह शेयर करना चाहूँगी|

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sitar

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navratri

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इस आयाम के अंतर्गत, मैं नवरात्रि पर्व से सम्बंधित लेख, क्विज़ तथा अन्य रचनायें साझा चाहूंगी!

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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

18 जनवरी 2016
8
1

कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

18 जनवरी 2016
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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

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18 जनवरी 2016
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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

जिंदगी का लुत्फ़!

12 जनवरी 2016
5
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कुछ अधूरे से ख्वाब,कुछ अनकही बातें,कुछ मुश्किल हालत, न हो तो #ज़िन्दगी  बेज़ार हो जाएँ ,ज़िन्दगी जीने का लुत्फ़ तभी हैं जनाब,जब ज़िन्दगी में हो चुनौतियां हज़ार, फिर भी, होठों पर हो ऐसी मुस्कानकी शरमा जायें आफताब।   

कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

2 दिसम्बर 2015
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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

सोशल मीडिया की आम ज़िन्दगी में भागीदारी!

2 दिसम्बर 2015
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सोशल मीडिया की आम ज़िन्दगी में भागीदारी!

2 दिसम्बर 2015
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जीवन की परिभाषा, "संघर्ष"

30 नवम्बर 2015
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जीवन की परिभाषा, "संघर्ष"

30 नवम्बर 2015
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ताकि हँसता खिलखिलाता रहे, बचपन!

27 नवम्बर 2015
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