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ऐ हरियाली तुझे क्या हुआ क्यों तू उदास है ?क्या तेरा सौभाग्य तेरे पास है ? कभी तू हंसती थी कभी तू मुस्कराती थी कभी तू हवा के झरोखों से हिल डुल के इतराती थी क्या मै कहूं तू मुरझाई है ? की मै कहूँ