shabd-logo

कविता अपने जीवन की एक गरीब परिवार की कहांनी

1 नवम्बर 2016

128 बार देखा गया 128

गरिबी पर कविता सबसे बड़ा पाप है गरीबी ।

सबसे बड़ा अभिशाप है गरीबी ।।

एक कच्चे घर में 6 लोगो का जिवन बसर है गरीबी।

जन्म कर्ज में मृत्यू कर्ज में सबसे बड़ा पाप है गरीबी ।।

वो मक्का की रोटी और मेथी का साग है गरीबी ।

प्याज और नमक का स्वाद है गरीबी।।

साधू को भी चौर बनावे, पून्य आत्मा को भी पापी बानवे ।

ऐसा अभिशाप है गरीबी ।।

यदि धनवान को कॉंटा भी चुभे तो सारे सहर को खबर होती है।

निर्धन गरीब को सॉप भी डसे तो किसी को कोई खबर नही होती है।

ऐसा अभिशप और पाप है गरीबी।।

नगर वधु को कॉंटा लगा पूरे शहर में बरपा हंगामा।

गरीब की बैटी मरी उसका दर्द किसी ने नही जाना ।।

ऐसा पाप और अभिशाप है गरीबी ।


Anup Bhambhoriya की अन्य किताबें

किताब पढ़िए