shabd-logo

सेंद्रिय खाद घर में बनाने का तरीका

25 जनवरी 2015

2834 बार देखा गया 2834
अब १५ दिन में बन जाएगी बेहतर जैविक खाद संतोष खबिले ------सुरभि ऑरगॅनिक्स तुंग ता. मिरज , जि. सांगली, महाराष्ट्र​, भारत शहर के एक किसान युवक ने नई प्रक्रिया ईजाद कर घरेलू कूड़े-कचरे व एग्रीकल्चर वेस्ट से सिर्फ १५ दिनों में बेहतर जैविक खाद तैयार करने का दावा किया है। उसने महूगांव के एक किसान के खेत में बकायदा इसका प्रदर्शन कर सभी को चौंकाते हुए एक वर्ष में तैयार होने वाली जैविक खाद को पीछे छोड़ दिया है। उनकी जैविक खाद प्रक्रिया को संचालनालय किसान कल्याण भोपाल के संयुक्त संचालक जैविक खेती व फंदा फार्म सीहोर के प्रबंधक ने भी प्रमाण-पत्र दिया है। किसान मोर्चा से जुड़े किसान युवक नरेंद्र शर्मा राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन उत्तरप्रदेश के एके श्रीवास्तव के साथ मिलकर १५ दिनों में तैयार होने वाली जैविक खाद का निर्माण कर सभी को चौंका दिया है। इसके पहले उन्होंने हिमाचल के भूविज्ञानी डॉ. एसएस गुलेरिया द्वारा उक्त खाद तैयार करने की विधि में भौगोलिक परिस्थितियों व तापमान की दृष्टि से एक माह से ज्याद समय में जैविक खाद तैयार होने की बात कही थी। इसे भी शर्मा ने २२ दिनों में खाद तैयार कर पीछे छोड़ दिया था। अब इसी तकनीक को विकसित कर एक पखवाड़े में ही बेहतर किस्म की किसानों को सस्ती व आसानी से उपलब्ध होने वाली जैविक खाद से रूबरू कराया है। इससे पहले केंद्र सरकार के उद्यान व कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने राइजोनियम एजोटोवेक्टर, ट्राईकोडरमा वेसिलस माइक्रोराइजा विधि से जैविक खाद बनाने की तैयारी की जिससे जैविक खाद बनाने का प्रचलन बढ़े। गाजरघास व उसके बीज, आलू का पाला, प्याज का पाला, सूखी व गीली घास, गोबर, गेहूं-सोयाबीज का भूसा, लकड़ी, मछली, अंडे के छिलके, हड्डी, मांस के टुकड़े, कीचन वेस्ट व जूठन आदि से जैविक खाद बनाया जा सकता है। उर्वरा शक्ति बढ़ाती है ॥कोई भी जैविक खाद से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। जो कि एक समन्वित कृषि प्रबंधन में काफी मददगार साबित होती है। इससे न सिर्फ कृषि उपज बढ़ती है बल्कि टिकाऊ कृषि का मार्ग प्रशस्त होता है। दूसरी ओर रासायनिक खाद के अंधाधुंध उपयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति क्षीण होती है। मृदा के सूक्ष्म जीवों की संख्या प्रभावित होती है जिसका असर हमारी उपज पर पड़ता है।ø डॉ. डीके मिश्रा, उद्यानिकी वैज्ञानिक जैविक खाद तैयार करने का प्रदर्शन करते किसान संघ के सदस्य नरेंद्र शर्मा व अन्य। ये हैं जैविक खाद के फायदे एक अनुमान के अनुसार एक किलो जैविक खाद जहां दो से तीन रुपए खर्च में तैयार होता है वहीं रासायनिक खाद किसानों को १० से १५ रुपए किलो मिलता है। जैविक खाद के उपयोग से किसानों की फसल में १५ से २० प्रतिशत का इजाफा होगा। रासायनिक खादों व कीटनाशकों के प्रभाव से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकेगा। किसानों को घर के कचरे के अलावा एग्रीकल्चर वेस्ट से सस्ती व बेहतर जैविक खाद उपलब्ध हो सकेगी। खेतों की मिट्टी की उर्वराशक्ति बरकरार रहेगी और फसल की पैदावार भी बनी रहेगी। उदाहरण के तौर पर जो किसान रासायनिक खाद पर सालाना तीन लाख रुपए खर्च करता है वही किसान जैविक खाद के माध्यम से मात्र ५० हजार रुपए में ही फसल की अच्छी पैदावार ले सकेगा।
शिव शंकर सिंह

शिव शंकर सिंह

सभी किसानो के लिए फायदेमंद

25 जनवरी 2015

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए