हिन्दी स्वचरित पंक्तियां व विचार।
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प्लेटफार्म सबके लिए एक हो सकते हैं मगर सफर सबके अलग -अलग होते हैं।। किसी को कहीं तक जाना है तो किसी को कहीं से जाना है।।
जब तक महकोगे तब तक फूल हो तुम, वरना चरणों की धूल हो तुम ।। एक कर्म ही तुम्हारा अपना है , बाकी सब फिजूल है ।।