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राम मंदिर भारतीय राजनीति का एक ऐसा मुद्दा है जो 90 के दशक से चलता आ रहा है यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि भारत में रह रहे करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा भी इस मुद्दे से जुड़ी है। आज से लगभग 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को पूरे देश से राम भक्तों ने अयोध्या के लिए कार सेवा शुरू की थी देखते ही देखते अयोध्या में लाखों की संख्या में कारसेवक इकट्ठा हो गए और विवादित बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने एक समतल जमीन बना दिया।उस समय उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी सत्ता के सिंहासन पर थे कल्याण सिंह उस वक्त कल्याण सिंह ने आदेश दिया था कारसेवकों को हटाने के लिए किसी भी तरह का कोई पुलिस बल प्रयोग नहीं किया जाएगा। कुछ समय बाद भारतीय जनता पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना भी पढ़ा केंद्र ने उत्तर प्रदेश की सरकार को बर्खास्त कर दिया। उसके बाद समाजवादी पार्टी और बसपा को मौका मिला दोनों ही दलों ने गठबंधन की सरकार बनाई लेकिन यह गठबंधन अपना कार्यकाल पूरा ना कर सका इसके बाद सन् 1995 में बसपा और भाजपा गठबंधन की सरकार बनी।1992 से 2007 तक के दौर में उत्तर प्रदेश में जो भी सरकार बनी संयोगवश वे सब गठबंधन की सरकारें थी। तीन बार भारतीय जनता पार्टी ने बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाई तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने रालोद और अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई साल 2012 में समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुईदेखते ही देखते भाजपा का ग्राफ गिरता चला गया भाजपा को तलाश थी एक ऐसे चेहरे की जिससे पार्टी में जान पड़ सके और ऐसा चेहरा भाजपा को मिला भी वह नाम था नरेंद्र मोदी। सन 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को केंद्र की राजनीति करने का न्योता मिला इसके बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने राम मंदिर और विकास को 2014 के चुनाव में एक अहम मुद्दा बनाय

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•||अब्दुल और रामलाल||•

26 सितम्बर 2020
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#बात 2014 की है यूपीए से परेशान रामलाल सत्ता में बदलाव चाहता था रामलाल के अंदर गजब का उत्साह था वो अब किसी बोलते हुए आदमी को देश का सरपंच देखना चाहता था इसके पीछे एक वजह थी रामलाल अब्दुल से बहुत नफरत करता था और करे भी क्यूं न इसी अब्दूल ने पाकिस्तान, बांग्लादेश रामलाल से छीन लिया. रामलाल एक प्राइवेट

बाबरी विध्वंस से रामलला पूजन तक

4 अगस्त 2020
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राम मंदिर भारतीय राजनीति का एक ऐसा मुद्दा है जो 90 के दशक से चलता आ रहा है यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि भारत में रह रहे करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा भी इस मुद्दे से जुड़ी है। आज से लगभग 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को पूरे देश से राम भक्तों ने अयोध्या के लिए कार सेवा शुरू की थी देखते ही देखते अय

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