मै satyaprakash राज आज आप सभी को
माँ की गुजरी सुनते हैं
तो सुनिये गा
कितनी खूश हुईं होंगी! जब पता चला होगा
उसको
मेरी कोख से जन्मा हैं छोटा सा कृष्ण कनहिया ।
खूश हुईं होंगी माँ तब भी तेरी
जब तूने पापा बोला होगा।
कितनी खुशी होतीं होंगी,
जब तु पग भर चलता होगा।
एक दिन ऐसा भी आया,
जब तूने मुख से खाना खाया।