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माँ

11 दिसम्बर 2021

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1- 'मां'
मां शब्द से बनी जिंदगी हमारी,

इनके हाथों से सजी है हमारी क्यारी।

ईश्वर का स्वरूप, मां का मनमोहक रूप।

मन को बहलाती, मां की मुस्कान,

मां से ही है हम सबकी शान।

दिल से जुड़ी है, उनकी हमारी जोड़ी।

मां कर लेती हैं हमारा दिल चोरी।

रोएं या हँसे हो जाता है उन्हे एहसास,

न जाना दूर, रहना मेरे ही पास।

तुमसे दूर रहकर न लेती पाती हूं सांस,

तुमसे ही आस है, तुम पर ही विश्वास।

मां से ही होता है, इस जीवन का विकास।

तुम्हारी आंखों की चमक, हमें प्रफुल्लित कर जाती है।

मां से अनेकों की जिंदगी संवर जाती है।

जीवन के रंगों में मां वो रंग है,

जिससे भर जाता हम सब में उमंग है।

मां के आंचल का सुकून सबसे निराला है,

मां तो सारी अच्छाइयों की माला है।।

- कांची गुप्ता

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