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Poetic.mela

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Mere alfazo me kahi uski baate

1 common.readCount
101 common.articles
common.personBought

प्रिंट बुक:

375/-

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common.kelekh

तू मुझमें क्यों नहीं

17 अगस्त 2022
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तू हाथों की लकीरों सा क्यों नहीं तू दिल की धड़कन सा क्यों नहीं तू मेरे लफ़्ज़ों की सच्चाई क्यों नहीं तू इस जख्म का मरहम क्यों नहीं तू मेरे प्यार में क्यों नहीं तू मुझमें क्यों नहीं तू प्यार है त

क़दर

17 अगस्त 2022
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गर क़दर जज़्बातों की होती कोई ख़्वाब टूटता ही क्यों

उम्मीदे

17 अगस्त 2022
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ज़माने को हमसे हैं उम्मीदे शायद हममें कुछ बात होगी

मेरे लफ्ज

17 अगस्त 2022
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उसका दर्द में ले लूं मेरा सुकून उसका मुकद्दर बन जाए

तुम्हारी आदत

17 अगस्त 2022
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इतनी कोशिश की तुम्हें चाहने की कि हम ही बदनाम हो बैठे 

खोज

17 अगस्त 2022
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मैं ढूंढता रहा सीरत ऐसी जो मुक्कमल कर दे मेरे अल्फ़ाज़

खूबसूरत नज़ारा

17 अगस्त 2022
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आंखों का क्या कसूर मंज़र ही इतना हसीं हैं

काफ़िर

17 अगस्त 2022
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आज कल शब्दों में वो बात कहा हम अपने अल्फाजों से काफ़िर होना चाहते हैं

इच्छा

17 अगस्त 2022
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किसी के नमाज़ी बनना चाहते हैं इस क़दर हम, हम बनना चाहते हैं

नयी मोहब्बत

17 अगस्त 2022
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उसे देख लड़खड़ाया दिल संभलने लगा पर हमने रोक लिया, चलेंगे फिर कभी।

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