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काफ़िर

17 अगस्त 2022

16 बार देखा गया 16

आज कल शब्दों में वो बात कहा हम अपने अल्फाजों से काफ़िर होना चाहते हैं

Madhur की अन्य किताबें

101
रचनाएँ
Poetic.mela
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Mere alfazo me kahi uski baate
1

इश्क का कर्ज

16 अगस्त 2022
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इश्क का कर्ज अदा ना कर सका बस यही मेरी खता थी।

2

मेरी आरजू

16 अगस्त 2022
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हम जिसे पढ़ना चाहते थे उसी के इश्क में अनपढ़ बन बैठे हैं।

3

मेरे जज्बात

16 अगस्त 2022
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कहने को बाकी और क्या जो कहना था कह दिया

4

उसकी यादें

16 अगस्त 2022
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हम दूर जाना चाहते हैं उन यादों से लेकिन कमबख्त यह यादें हमें खींच ही लाती हैं

5

मेरी भूल

16 अगस्त 2022
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दिल से मात खाई दिल का भी क्या कसूर हमने ही गैरों को अपना समझ लिया था।

6

जिंदगी एक पहचान

16 अगस्त 2022
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इत्मीनान रखिए यह सब्र का कारोबार है बेसब्र है वो जो वक्त की नुमाइश करते हैं

7

मेरे शब्द

16 अगस्त 2022
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चिंता के रास्ते बहुत लंबे हैं, अफ़सोस का दरिया इससे भी गहरा । अगर डूबना है तो प्यार में डूबो तैरने का जरिया तो मिल जाएगा

8

मेरा वादा

16 अगस्त 2022
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कत्ल कर दो चाहे तुम इस दिल का उफ़ तक भी ना करेंगे हम | मोहब्बत एक बार की है सिर्फ तुमसे फिर से ना करेंगे हम।

9

जानकर वो अनजान बन गए

16 अगस्त 2022
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जानकर भी वो अंजान बन गए खबर रखकर भी बेखबर बन गए सब कुछ जाना था उन्होंने हमारे बारे में फिर भी अजनबी बनकर यूं ही चले गए

10

मेरी आशिकी तुम ही थी

16 अगस्त 2022
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खामोशी की वजह हो तुम खुशी की वजह भी तुम्ही थी आज सीने में चुभता है। कुछ क्योंकि मेरी पल पल की खुराक भी तुम्ही थी

11

हैरत है आसमां को भी

16 अगस्त 2022
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आसमान को भी हैरानी होती होगी कि जमीन इतनी खामोश क्यों है

12

उसका वजूद

16 अगस्त 2022
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सूरज की हैसियत देखकर हम पीछे छुप गए और वो चांद को भी अपनी औकात बताते चलें गए।

13

तेरी कशिश ही ऐसी है

16 अगस्त 2022
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तेरी बातें हर रोज ये दिल क्यों किसी से करना चाहता है

14

तेरी चाहत

16 अगस्त 2022
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बार-बार पूछता रहा दिल को कि तुझमें ही सुकुन ये क्यों ढूंढता है

15

मुझमें ये हलचल क्यों है

16 अगस्त 2022
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मै तुझमें सुकुन क्यों ढूंढता रहता हूं जबकि मुझमें ही इतनी हलचल हैं

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उलझन

16 अगस्त 2022
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मेरे अन्दर ये कश्मकश क्यों है तू और तुम में इतनी बेरुखी क्यों हैं 

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उनका साथ

16 अगस्त 2022
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हाथों में क्या तकदीर, उन्होंने लकीरों के काबिल बना दिया अकेली थी हमारी राहें, उन्होंने मंजिल से मिलवा दिया ।

18

मदहोशी के पल

16 अगस्त 2022
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कभी-कभी जो मदहोशी के पल होते है उन्हें होश में आकर जाया नहीं किया जाता 

19

शब्दों का खेल

16 अगस्त 2022
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शब्दों का खेल ही लगता है जिस पर जोर नहीं चलता वरना होंठ कहा किसी को इजाजत देते हैं

20

एक तरफा इश्क

16 अगस्त 2022
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इश्क एक तरफा था वह गुजारिश करता भी तो किससे मोहब्बत के पास तो फ़ुर्सत ही नहीं थी

21

चाहत

16 अगस्त 2022
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समंदर में भी किनारों से मोहब्बत की होगी, नहीं तो ऐसे ही किनारे समंदर की पहचान नहीं होते

22

गुस्ताख़ दिल

16 अगस्त 2022
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इतनी शिकायतें हैं तुझसे फिर भी दिल में आज तेरा ही नाम है सवाल भी बहुत है तेरे बारे में मेरे फिर क्यों तेरी इबादत इन सब से बड़ी हैं

23

नयी मोहब्बत

16 अगस्त 2022
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दिल ढूंढ रहा था चाहत अपनी जिसमें, उसे खो दिया था कभी । आज चाहत भी है और उसे पाया भी है, बस उसका चेहरा नया है ।

24

उनका एहसान

16 अगस्त 2022
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ना खामी थी हममें कोई बस, वो हमारी खूबी की पहचान करा गए।

25

बेनाम रिश्ता

16 अगस्त 2022
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वो भी क्या मंजर थे, ख्वाहिश थी उन मुलाकातों की, उस रिश्ते को नाम देने की, हमें क्या पता था जिसे नाम देने की आरजू है, वहीं एक दिन यूं ख़ामोशी में बदल जाएगा ।

26

ख्वाहिशें

16 अगस्त 2022
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कला ही काफी थी, लगता था बस हमने उसे चित्रों में उतार लिया । जो था वो बस ना था, हमने बस ख्वाहिशों को पिरो लिया । ।

27

मेरी झलक

16 अगस्त 2022
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झलक देखकर खुद की उसमें, थोड़ा भी हमें गवारा ना हुआ  हम समझते थे उसे एक हसीन सपना  उसमें खुद को देखा तो हकीकत से रूबरू हो गए ।।

28

तड़पता रहा दिल

16 अगस्त 2022
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एक खलिश सी हुई दिल में तुझे यूं टूटा हुआ देखकर

29

मेरी नजर से हकीकत

16 अगस्त 2022
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पूरे होकर क्या करें जब बात अधुरे में है, खुशी का जश्नन क्यों मनाए जब मज़ा दर्द में है।

30

कितने पागल थे हम !!

16 अगस्त 2022
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तुम अपने आप में पूरे थे, अधूरे तो हम थे जो तुम्हें पाकर मुकम्मल होना चाहते थे, कितने पागल थे हम !!

31

इश्क की जुबान

16 अगस्त 2022
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कहते हैं इश्क की जुबान नहीं होती, इसका स्वाद आंखों से चखना पड़ता है ।

32

बेतहाशा नफरत

16 अगस्त 2022
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अगर तुम एक सवाल हो, तो मुझे इसका जवाब नहीं चाहिए गर हो तुम कोई किस्सा, तो मुझे वह किस्सा नहीं सुनना ।

33

हाल ए दिल

16 अगस्त 2022
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तुझ में मेरा वजूद था, तुझ में मेरा सुकून था दूरियां थी कुछ अल्फाजों की जो कभी कम ना हो सकी

34

दिल का दर्द

16 अगस्त 2022
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एक तुम ही दवा थी मेरे इन जख्मो की तुमने भी मरहम की जगह चोट का नया कारोबार शुरू कर दिया

35

मेरी तमन्ना

16 अगस्त 2022
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ऐसा कुछ हो जाए मैं सोचूं और वो पूरा हो जाए

36

इश्क का दस्तुर

16 अगस्त 2022
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इश्क का दस्तुर ही कुछ ऐसा है सब्र में होकर भी बेसब्र होने को कहता है ।

37

गमों का तोहफा

16 अगस्त 2022
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इश्क में हमें गमों की बरसात का तोहफा मिला है।

38

खाली हाथ

16 अगस्त 2022
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दिल को उनसे प्यार हुआ पलभर ठहरा उनके पास पर हासिल कुछ ना हुआ

39

चलती रहे जिंदगी

16 अगस्त 2022
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ठहरा हुआ तो पानी भी खराब हो जाता है,फिर ये तो जिंदगी है जनाब ।

40

बेसब्री

16 अगस्त 2022
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मैने इस क़दर उनकी परछाई बनने की कोशिश कि मेरी शख्सियत ही बुरा मान गई।

41

नयी सुबह

16 अगस्त 2022
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पहले की तरह आज नही है। पहले की तरह जज़्बात नही अब नहीं सोचता दिल उसके बारे में शायद अब वो इतनी खास नही है।

42

उसकी परछाइयां

16 अगस्त 2022
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कब तक आखिर कब तक ये अहसास जिंदा रहेगा और मुझे मुझसे जुदा  करता रहेगा 

43

मजबूरी

16 अगस्त 2022
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इश्क से मुलाकात दो बार हुई दिल ने इश्क के समंदर में तैरना चाहा मगर पहली बार दिल हालातों से मजबूर था और दूसरी बार दिल ने इजाजत नहीं दी

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मेरा डर

16 अगस्त 2022
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मैं तुमसे दूर नहीं जाना चाहता पर डर लगता है तुम्हारे पास आऊं तो बिखर ना जाऊं  

45

तेरी आदत

16 अगस्त 2022
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अच्छा हुआ तुम्हारी मोहब्बत की लत जल्दी छूट गई वो क्या है हम बहुत जल्दी बिगड़ जाते हैं।  

46

गुजरता लम्हा

16 अगस्त 2022
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कल भी एक लम्हा था और आज भी एक लम्हा है फर्क सिर्फ इतना सा है कल तुम मेरे पास थी और आज सिर्फ तेरी यादें है

47

इश्क की लत

17 अगस्त 2022
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सैकड़ों आशिक तबाह हुए इश्क की राहों में फिर भी आशिकी आज भी नया परवाना ढूंढती है |

48

दिल का बयान

17 अगस्त 2022
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इश्क आंखों से ही दिल में उतरता है, दिल का यही बयान है।

49

वो इतनी खास है

17 अगस्त 2022
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वो इतनी खास है कि उसका जिक्र दिल बार बार करना चाहता है।

50

हकीकत भी क्या अजीब है।

17 अगस्त 2022
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हकीकत भी क्या अजीब है। ख्वाब भी दिखलाती है और ख्वाब देखने से डरती भी है

51

पुराना नशा

17 अगस्त 2022
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पुराना नशा हो तुम तभी तो आज तुम शराब की एक घूंट जैसी मेरी जुबां पर उतरती हो

52

नजर का बयान

17 अगस्त 2022
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कहते है इश्क छुपाए नहीं छुपता यह नजर का बयान है।

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तेरा साथ

17 अगस्त 2022
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तेरे साथ वो दो चार पल ही अपने थे अब तेरे बिना तो ये सारा जहां भी बेगाना लगता है।

54

इश्क ने ये कैसा हाल कर दिया

17 अगस्त 2022
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इश्क ने ये कैसा हाल कर दिया मुझसे ही मुझको जुदा कर दिया 

55

दोस्ती

17 अगस्त 2022
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लाख कोशिश की तुझे चाहने की लेकिन दिल ने कभी दोस्ती से आगे बढ़ने की जुर्रत ही नहीं की

56

तेरे लिए

17 अगस्त 2022
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इश्क में ऐसा काम कर दिया हमने तेरे लिए खुद को ही बदनाम कर लिया

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इश्क से हमको इतनी ही शिकायत है,

17 अगस्त 2022
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इश्क से हमको इतनी ही शिकायत है, इश्क हुआ हमको पर मुकम्मल ना हो सका

58

तुझसे शिकायत

17 अगस्त 2022
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चेहरे पर चेहरा क्यों है इश्क में तुझसे बस इतनी सी शिकायत है

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खुद को पाया

17 अगस्त 2022
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तेरा होकर मैंने खुद को पाया फिर क्यों मैं तुझमें खुद को ढूंढता रहता हूं 

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नया इश्क

17 अगस्त 2022
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दिल उसे भुला ही नहीं था फिर तुम्हारी दस्तक हुई इस तरह अब जख्म दो है सीने पर

61

तुम्हारी आहट

17 अगस्त 2022
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तुम मेरी जिंदगी में आए और मेरी जिंदगी, ज़िंदगी में तब्दील हो गई

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दिवानगी

17 अगस्त 2022
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मैंने तुझे चाहा कुछ इस तरह से जिस तरह से पहले न किसी को चाहा

63

पुरानी कसक

17 अगस्त 2022
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महसूस करता हूं एहसास आज तक उन हवाओं का जिन्हें हम सालो पहले खो चुके

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उम्मीदें

17 अगस्त 2022
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लोग दूसरों से वफा चाहते हैं और खुद उसके पैमाने पर खरे नहीं उतरते

65

भुला दिया

17 अगस्त 2022
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जो हमारे लिए खास था कभी वो आज हमारे जिक्र में भी नही रहा

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तेरी आदत

17 अगस्त 2022
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तेरा चेहरा मैं याद कर सो जाता हूं कमाल है फिर भी तेरा चेहरा याद आकर जगाता रहता है

67

तेरी ख्वाहिश

17 अगस्त 2022
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काश ऐसा हो सकता मैं छड़ सकता तेनु तेरे बिन लेकिन मैं रब से मंगदा तेनु

68

तेरा वजूद

17 अगस्त 2022
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दफ़न पड़ा था दिल किसी की याद में, तूने छूआ फिर धड़कने लगा

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तेरे साथ

17 अगस्त 2022
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हमारा अफसाना पल भर का था शायद तुम्हारे साथ हमें इस बात की खबर नहीं थी हमने तो सदिया जी ली थी तुम्हारे साथ हमें तो इस बात पर गुरुर था

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तेरी अकड़

17 अगस्त 2022
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इतना गुरुर किस बात का है तुम्हें तुमसे प्यार करना हमारा हुनर हैं तुम्हारी कोई साजिश नहीं ।

71

मेरे अल्फ़ाज़

17 अगस्त 2022
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मैं तुम्हे खोना नही चाहता, पर पता नही क्यों अब पाने का दिल नही है। मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं, पर अब साथ रहने की कोई वजह नहीं है। मैं तुम्हे चाहता तो हूं, पर अब इश्क का इज़हार नहीं है।

72

प्यारा सा चेहरा

17 अगस्त 2022
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ये नूर भी कमाल का है उसके चेहरे का हर बार नजदीक बुला ही लेता है

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जरूरत

17 अगस्त 2022
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जिंदगी एक अजीब सा खेल, खेल रही है गुजर गया था जो किस्सा अतीत का आज ना जाने क्यों उसकी जरूरत आन पड़ी है।

74

समझोता

17 अगस्त 2022
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अहद-ए-वफ़ा की चाहत में ख़ुद के गुरुर से सौदा करना सीख गए, दूसरो को खुदा मान मानते हम काफ़िर हो गए।

75

पल

17 अगस्त 2022
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एक उम्र की बात एक लम्हे में कैसे बदल जाती हैं एक छोटी सी मुलाकात उम्र भर के निशान दे जाती हैं

76

तेरे निशान

17 अगस्त 2022
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मौसम की नज़ाकत ए सनम, की हर बूंद तेरी याद दिला जाती है, आंखों से बहते अश्कों की धारा दिल तक तेरी रूह की पहचान दे जाती हैं

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बिखरे रिश्ते

17 अगस्त 2022
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आईने को क्या जल्दी थी टूटने की ख्वाइशों को क्या जल्दी थी रूठने की हमने ज़रा सा ज़ोर क्या दिया बिखरने लगे रिश्ते हमारे

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मेरी शख्सियत

17 अगस्त 2022
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अफवाहे सुनकर मेरी शख्सियत का अंदाजा ना लगा इल्ज़ाम पहले से ही बहुत है मुझ पर।

79

तेरा नशा

17 अगस्त 2022
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तेरी आदत ऐसी लगी है अब खुद को देखता हूं तो तुझे पाता हूं

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इश्क़ का एहसास

17 अगस्त 2022
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इश्क़ का एहसास ही ऐसा है सोने भी नहीं देता और ख़्वाब भी दिखाता हैं।

81

तेरी छुअन

17 अगस्त 2022
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दफ़न पड़ा था दिल किसी की याद में, तूने छूआ फिर धड़कने लगा

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नाराज़गी

17 अगस्त 2022
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मैं प्यासा, तू दरिया क्यों नहीं मैं चाहता हूं तुझे, तू मुझे चाहता क्यों नहीं।

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तोहफा

17 अगस्त 2022
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हमने उनसे वफा चाही, और वो हमे खुद से वफा करना सीखा गए।

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यादों का साया

17 अगस्त 2022
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खुद को खुद की कैद से रिहा कर, खुद पर तू ये एहसान कर, माना एक लम्हा है उसकी यादों का तुझमें ठहरा हुआ अब तू इस लम्हे को आजाद कर ।

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अपनी पहचान

17 अगस्त 2022
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आसान है हर राह कदम बढ़ाओ तो सही, मुश्किलों का तो बस नाम बड़ा है अपनी पहचान बनाओ तो सही।

86

उसकी यादों में कैद

17 अगस्त 2022
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खुद पर तू ये एहसान कर अपने जहन को उससे रिहा कर

87

इश्क में डूबा

17 अगस्त 2022
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खुदा भी क्या माफ करेगा उस परवाने को जो शमा पर मर मिटा

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जुदाई

17 अगस्त 2022
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बातें ख़ामोशी में तब्दील हो गई नजदीकियां दुरियो से बिखर गई।

89

ख्वाब

17 अगस्त 2022
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वो भी क्या ख्वाब थे जहा ..तुम मेरे साथ थे आंखें खुली और हम हकीक़त में आ गए।

90

है वजह मुस्कुराने की कुछ तो

17 अगस्त 2022
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है वजह मुस्कुराने की कुछ तो नही तो बेवजह ये गम ना होते।

91

आशिकी

17 अगस्त 2022
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दिल से मात खाकर, दिल से मजबूर हुए सब्र पाकर रास्तों की पहचान कर ली।

92

नयी मोहब्बत

17 अगस्त 2022
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उसे देख लड़खड़ाया दिल संभलने लगा पर हमने रोक लिया, चलेंगे फिर कभी।

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इच्छा

17 अगस्त 2022
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किसी के नमाज़ी बनना चाहते हैं इस क़दर हम, हम बनना चाहते हैं

94

काफ़िर

17 अगस्त 2022
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आज कल शब्दों में वो बात कहा हम अपने अल्फाजों से काफ़िर होना चाहते हैं

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खूबसूरत नज़ारा

17 अगस्त 2022
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आंखों का क्या कसूर मंज़र ही इतना हसीं हैं

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खोज

17 अगस्त 2022
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मैं ढूंढता रहा सीरत ऐसी जो मुक्कमल कर दे मेरे अल्फ़ाज़

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तुम्हारी आदत

17 अगस्त 2022
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इतनी कोशिश की तुम्हें चाहने की कि हम ही बदनाम हो बैठे 

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मेरे लफ्ज

17 अगस्त 2022
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उसका दर्द में ले लूं मेरा सुकून उसका मुकद्दर बन जाए

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उम्मीदे

17 अगस्त 2022
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ज़माने को हमसे हैं उम्मीदे शायद हममें कुछ बात होगी

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क़दर

17 अगस्त 2022
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गर क़दर जज़्बातों की होती कोई ख़्वाब टूटता ही क्यों

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तू मुझमें क्यों नहीं

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तू हाथों की लकीरों सा क्यों नहीं तू दिल की धड़कन सा क्यों नहीं तू मेरे लफ़्ज़ों की सच्चाई क्यों नहीं तू इस जख्म का मरहम क्यों नहीं तू मेरे प्यार में क्यों नहीं तू मुझमें क्यों नहीं तू प्यार है त

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