इंडिया संवाद ब्यूरो
नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के मामले में फंसे आईएएस अफसर सचिव राजेंद्र कुमार अपने बॉस अरविन्द केजरीवाल के लिए नई मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक 3 महीने की पड़ताल में सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के फ़ोन रिकॉर्ड खंगाले थे जिसमे चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. यही नहीं फोन टैपिंग करने वाली सीबीआई की 'स्पेशल यूनिट' ने भी राजेंद्र कुमार पर कुछ महीनो से शिकंजा कसा था. राजेंद्र कुमार क्या क्या बात अपने मुख्यमंत्री से करते थे और पार्टी के साथ उनकी डीलिंग क्या थी ये सीक्रेट भी अब सीबीआई डायरेक्टर के टेबल तक पहुँच चुके हैं.
राजेंद्र थे केजरीवाल के भरोसेमंद राजदार
मुख्यमंत्री केजरीवाल अपने प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार पर काफी भरोसा करते थे. दोनों ही आईआईटी के छात्र थे और एक दूसरे को पहले से जानते थे जिसकी वजह से केजरवाल ने विरोध के बावजूद राजेंद्र को अपना प्रमुख सचिव बनाया था. सूत्रों का कहना है कि राजेंद्र भी आम आदमी पार्टी में घुलमिल गए थे और सरकारी कामकाज के अलावा पार्टी की बाकी डीलिंग में भी जुड़े थे. वो सियासी मसलों पर भी केजरीवाल को सलाह देते थे.
सीबीआई डायरेक्टर को दी सीक्रेट रिपोर्ट
सूत्रों ने बताया के आशीष जोशी की शिकायत दर्ज़ करने के बाद सीबीआई ने जून में ही पड़ताल शुरू कर दी थी. जिन मामलो में राजेंद्र कुमार फंसे थे उनकी सीबीआई ने गुपचुप तरीके से जांच करायी थी. सीबीआई की एंटी करप्शन शाखा के दो अधिकारी बाकायदा राजेंद्र कुमार की हर डीलिंग पर निगाह रखे हुए थे. इस दौरान सीबीआई को केजरीवाल और उनके कुछ बड़े नेताओं के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी मिली. एंटी करप्शन ब्रांच के अधिकारी ने इस सिलसिले में एक गोपनीय रिपोर्ट डायरेक्टर अनिल सिन्हा को सौंपी है. हालाँकि सीबीआई सूत्रों का कहना है की राजेंद्र कुमार के फ़ोन की टैपिंग नही हुई थी और नाही मकसद राजेंद्र कुमार के निगरानी करके केजरीवाल तक पहुंचना था. सीबीआई के अधिकारी ने इंडिया संवाद को बताया की फिलहाल राजेंद्र कुमार के खिलाफ जो 2014 से पहले के मामले हैं उसपर ही पूछताछ की जा रही है. आधिकारिक तौर पर सीबीआई ने इस बात का खंडन किया है कि राजेंद्र कुमार के ज़रिये केजरीवाल और उनके मंत्रियों के निगरानी की जा रही थी.