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ना मैं बदनामी से डरता हूँ , ना मृत्यु से...

14 मई 2015

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featured image पूज्य श्री नारायण साईं जी के प्रेरणा से प्रकाशित मासिक पत्रिका विश्वगुरु ओजस्वी का मई माह का ताजा अंक आ चुका है। जिसमे साईं जी ने लिखा है...."ना मैं बदनामी से डरता हूँ ,ना ही मृत्यु से डरता हूँ ! डरता हूँ तो बस अज्ञान व नासमझी से डरता हूँ। आरोपों और दुष्प्रचार के बीच में हिम्मत से जीना चाहता हूँ और मरते दम तक इनसे मुक़ाबला करता रहूँगा !आप सभी की मेरे प्रति सद्भावना और ह्रदयपूर्वक शुभकामनाओ पर मेरा दृढ़ भरोसा है।" To read more plz log on http://ojaswihaibharat.org/Blog/2015-05-13-13-27-08.html
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वे " लक्ष्मी" है तो "दुर्गा" भी

6 मार्च 2015
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सर्वविदित है ’मां’ युग-युगांतर से आसुरी शक्तियों का संहार करती आयी है। शक्ति स्वरूपा ने भक्ति की रक्षा की है। शक्ति का संरक्षण और मुक्ति का संर्वधन किया है। हमारी मैया जी भी तो कलियुगी आसुरी शक्तियों का नाष कर रही है। ये वो शक्तियां है जो धर्म, संस्कृति के लिए चुनौती बनी है। दुश्प्रचार और बेबुनिय

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बिकता हैं झूठ,सजे जब करोड़ों की सेल...

14 मई 2015
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बिकता हैं झूठ,सजे जब करोड़ों की सेल... तेरह साल बाद हुई जेल, तीन घंटे में हो गयी बेल, उस पर सजा फिर रोक का खेल, दबंग ने खूब निभाया रोल... to read more log on...... http://ojaswihaibharat.org/Blog/2015-05-09-13-43-01.html

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ना मैं बदनामी से डरता हूँ , ना मृत्यु से...

14 मई 2015
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पूज्य श्री नारायण साईं जी के प्रेरणा से प्रकाशित मासिक पत्रिका विश्वगुरु ओजस्वी का मई माह का ताजा अंक आ चुका है। जिसमे साईं जी ने लिखा है...."ना मैं बदनामी से डरता हूँ ,ना ही मृत्यु से डरता हूँ ! डरता हूँ तो बस अज्ञान व नासमझी से डरता हूँ। आरोपों और दुष्प्रचार के बीच में हिम्मत से जीना चाहता हूँ

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साईं दर्शन...ख़ुशी से भर आई आँखें....

26 मई 2015
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26 मई इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरोँ में दर्ज हो गया क्योंकि ये वो दिन है..जिसका नवम्बर 2013 से देश दुनिया में फैले करोड़ों भक्तजन एक एक दिन करके कोई 18 महीने से इंतजार कर रहे थे । सूरत जेल से मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे जैसे ही पूज्य नारायण साई जी 21 दिनों की अंतरिम जमानत पर बाहर पधारे..भक्त

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