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आजकल कोई अगर आपकी तरफ एक कदम किसी भी रिश्ते या काम में बढ़ाये तो आपको उसकी तरफ दो कदम बढ़ाने चाहिए, और अगर कोई आपकी तरफ से एक कदम किसी भी रिश्ते या काम में पीछे हटाये तो आपको उसकी तरफ से दस कदम पीछे हट
सीधे-सच्चे, मेहनती-ईमानदार इन्सान के साथ किया गया छल-प्रपंच जिन्दगी की शतरंज के माहिर धूर्त से धूर्त खिलाडी की बर्बादी और संपूर्ण विनाश के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े दरवाजे को हमेशा के लिये खोल देता ह
आजकल अधिकतर मर्दों को माँ, बेटी, बहन, पत्नि, दोस्त आदि मतलब औरत सब रूपों में चाहिए, पर लड़की बिल्कुल नहीं चाहिए. ....अंतराष्ट्रीय महिला दिवस. ....
कुछ अच्छी सोच वाले लोगो को मेरी सोच अच्छी - खुली और विकासात्मक लगती है वर्ना ज्यादातर लोगो को तो मैं और मेरी सोच दोनों हमेशा ही और हर तरह से चुभती रहती है.....
भाषा हमारे विचारों की पोशाक है.....