मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है कुछ जिद्दी, कुछ नक् चढ़ी हो गई है मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है अब अपनी हर बात मनवाने लगी है हमको ही अब वो समझाने लगी है हर दिन नई नई फरमाइशें होती है लगता है कि फरमाइशों की झड़ी हो गई है मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है अगर डाटता हूँ तो आखें दिखाती है खुद ही गुस्सा करके रूठ जाती है उसको मनाना बहुत मुश्किल होता है गुस्से में कभी पटाखा कभी फूलझड़ी हो गई है मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है जब वो हस्ती है तो मन को मोह लेती है घर के कोने कोने मे उसकी महक होती है कई बार उसके अजीब से सवाल भी होते हैं बस अब तो वो जादू की छड़ी हो गई है मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है घर आते ही दिल उसी को पुकारता है सपने सारे अब उसी के संवारता है दुनियाँ में उसको अलग पहचान दिलानी है मेरे कदम से कदम मिलाकर वो खड़ी हो गई है मेरी बेटी थोड़ी सी बड़ी हो गई है 🍄🍄बेटियाँ सब के नसीब में कहाँ होती है रब को जो घर पसंद आए वहाँ होती है🍄♏️🍄