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मेरी पहली प्रेम कहानी (मेरी पहली रचना )

26 दिसम्बर 2016

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चेतावनी इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है इसका किसी भी जीवित से कोई सम्बन्ध नहीं मैंने सिर्फ अपने मन में इन किरदारों को गढ़ा है तो कृपया कहानी पढने के बाद मुझसे इनके बारे में मत पूछिए

नमस्ते दोस्तों मेरा नामे है अमर कुमार और मैं आप सब का स्वागत करता हूँ अपने इस लेख पर. मैं कोई लेख़क नहीं हूँ पर मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूँगा के एक ऐसी कहानी लिखूं के आप सब अपने आप को इस कहानी से जोड़ सके तो चलिए हम अपनी कहानी की शुरुआत करते है


किरदारों से परिचय हमारी इस कहानी में दो मुख्य किरदार है, यह एक लव स्टोरी है तो वाजिब है एक लड़का और एक लड़की जरूर होंगे. तो लड़के का नाम है सुरजीत और लड़की का नाम है प्रियंका| शुरुआत प्रियंका के किरदार से करते है, प्रियंका एक 18 साल की लड़की है जो एक मध्यमवर्गीय परिवार से सम्बंधित है उसके पिता सरकारी दफ्तर में काम करते है और माँ के घरेलु गृहिणी है प्रियंका का एक भाई है जिसका नाम है आकाश| प्रियंका 12वी कक्षा में पढ़ती है वह पढाई में बहुत ही अच्छी है हमेशा परीक्षा में अच्छे अंको से उत्तीर्ण होती है, इस लिए स्कूल में सभी अध्यापक उसे पसंद करते है और वह घर में भी सब की चहेती है सब उससे प्यार करते है, उसकी इच्छाएं बहुत बड़ी नहीं है, वह चाहती है के वह अच्छी पढाई कर के एक सफल इंसान बने और अपने पिता की सहायता करे वह इस के लिए बहुत मेहनत करती है, एक प्यारी सी मुस्कान के जो देखे अपने सारे दुःख भूल जाए, कपड़ो की बात करें तो वह हमेशा सादे कपडे पहनती थी, प्रियंका के पिता उससे बहुत प्यार करते थे और वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते थे के वह उसकी हर इच्छा को पूरा करें, प्रियंका अपने घर की पैसे की तंगी के बारे में जानती थी इस लिए वह अपने पिता से कोई भी ऐसी वास्तु की मांग नहीं करती थी जिसके उसके पिता को दिक्कत हो. प्रियंका के बारे में अभी बहुत कुछ है लिखने के बारे में जो अभी बाद में लिखूंगा, अब हम सुरजीत के किरदार पर आते है, सुरजीत 12वी कक्षा में पढता था वह बहुत ही अमीर परिवार से सम्नंध रखता था उसके पिता वह के जाने माने व्यापार ी थे पूरे इलाके में उनके मुकाबले में कोई नहीं था उसके घर बड़े बड़े लोगो का आना जाना था लेकिन सुरजीत को अपने पिता के पैसे से लगाव नहीं था वह हमेशा अपने आप को इस चकाचौंध से दूर रहता था वह अपने विद्यालय में बहुत ही प्रसिद्ध था उसके कई दोस्त थे लेकिन सुरजीत भी जानता था के उसके यह दोस्त सिर्फ उसके पैसे के वजह से है, उसका एक पक्का दोस्त था जिसका नाम था अमर. दोनों बहुत समय से अच्छे दोस्त थे, सुरजीत उसे पहली कक्षा से जानता था तब से वह एक दुसरे के अच्छे दोस्त थे सुरजीत उसे बहुत मानता था क्यों के अमर उसका इकलोता दोस्त था जिसने उससे कभी एक रूपए भी नहीं माँगा था, अब आप सब सोच रहे होंगे के मैं सुरजीत के किरदार से अमर के किरदार पर क्यों आ गया तो आप सब को बता दू के अमर का भी इस कहानी में बहुत महत्वपूर्ण किरदार है लेकिन मैं उसे बताऊंगा नहीं, तो फिर से सुरजीत पर आते है वह अमीर खानदान से जरूर है लेकिन उसमे अहंकार एक चुटकी भी नहीं है वह एक नर्म दिल, ईमानदार, नेक और सभी का सत्कार करने वाला है वह सभी से एक जैसा व्यवहार करता है फिर चाहे कोई अमीर आदमी या फिर कोई गरीब. तो अब आप को प्रियंका के किरदार पर फिर से ले चलता हूँ उसके बारे में बताता हूँ. एक मध्यमवर्गीय परिवार का होने के कारन कई बार प्रियंका को अपने इच्छाओं को दबाना पड़ता यो के वह जानती है के उसकी हर इच्छा पूरी नहीं हो सकती तो वह थोड़े से ही खुश है, 10वी पास करने के बाद प्रियंका को नए स्कूल में जाना था क्यों के उसके स्कूल में 10 के आगे की पढाई नहीं होती थी, अब उसे अपने लिए अच्छे स्कूल ढूँढना था जिसमे उसकी मदद की उसकी सब से अच्छी सहेली आयशा ने, वह प्रियंका की सब से अच्छी सहेली थी वह एक अमीर परिवार से थी लेकिन उसे प्रियंका से ख़ास लगाव था दोनों बचपन से अच्छे दोस्त थे. क्यो के प्रियंका को 10वी में बहुत अच्छे अंक प्राप्त हुए थे तो उसे स्कूल की तरफ से वजीफा मिला था, उसने आयशा के साथ लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय में एक साथ एडमिशन लिया, स्कूल के प्रिंसिपल को जब पता लगा के प्रियंका के इतने अच्छे अंक है और वह एक मध्यवर्गीय परिवार से सम्बंधित है तो उन्हों ने प्रियंका की आधी फीस माफ़ कर दी, जिससे प्रियंका बहुत खुश हुई प्रियंका और आयशा दोनों को एक साथ नए स्कूल जाना था क्यों के दोनों के लिए स्कूल नया था तो दोनों के अन्दर यह डर जरूर था के नया स्कूल कैसा होगा. अब स्कूल का पहला दिन शुरू होने जा रहा है, सब तैयार हो जाओ.

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