मृत्युंजय उपाध्याय नवल (कवि,लेखक) एम. कॉम, एम. ए. (अर्थशास्त्र, शिक्षा शास्त्र), बी. एड, पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (एम. जे.) आo उद्घोषक आकाशवाणी, गोरखपुर
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ख्वाहिशों के जंगल में बहुत दूर निकला। तेरे कूचे से होकर मजबूर निकला। उसने सच का ही साथ दिया था बस उसका यही कुसूर निकाला । तेरी वफ़ा से जब वाकीफ हुए धीरे धीरे से सारा गुरूर निकला। मृत्युंजय उपाध्याय न