shabd-logo

मुझे अंदाजा न था

10 नवम्बर 2017

81 बार देखा गया 81

जु􀊚ो को उँगिलयो ं से स􀊁ालते 􀅠ए

तुम यूँ मेरे पास आ जाओगी

मुझे अंदाजा न था

कभी इधर तो कभी उधर की

बेवजह की बात􀅐 कहके

तुम िदल क हाल कह जाओगी

मुझे अंदाजा न था

धड़कनो मै तु􀊉ारी तेजी होगी

िदल म􀅐 इक सुगबुगाहट सी होगी

इजहार-ए-इ􀊭 म􀅐 गले से लगा लोगी

मुझे अंदाजा न था

-‘त􀅜ण भ􀇥 बंिकम ‘

तरुण भट्ट 'बंकिम’ की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए